For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आधुनिक भारत के भगवान चले गए।
इस देश के असली स्वाभिमान चले गए।।

धर्म को अकेला छोड़ विज्ञान चले गए।
एक साथ गीता और कुरान चले गए।।

मानवता के एकल प्रतिष्ठान चले गए।
धर्मनिरपेक्षता के मूल संविधान चले गए।।

इस सदी के श्रेष्ठ ऋषि महान चले गए।
कलयुग के इकलौते इंसान चले गए।।

ज्ञान राशि के अमित निधान चले गए।।
सबके प्यारे अब्दुल कलाम चले गए।।

=============================
मौलिक अप्रकाशित

Views: 749

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on July 29, 2015 at 5:47pm
अश्रुपूरित नयन से श्रद्धांजली हमारे गौरव को..
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 29, 2015 at 2:35pm
धन्यवाद रवि शुक्ल जी
Comment by Ravi Shukla on July 29, 2015 at 1:23pm

देश के अभूतपूर्व राष्‍ट्रपति ए पी जे कलाम साहब को विनम्र श्रद्धाजंलि

  रचना के माध्‍यम से आपकी श्रद्धाजंलि के लिये भी आभार आदरणीय पंकज जी

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 28, 2015 at 10:29pm
समर कबीर साब; हर्ष महाजन सर; मिथिलेः सर; डॉ विजय शंकर सर; नीता कसर जी एवं राजेश कुमारी जी आप सभी को आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 28, 2015 at 9:46pm

भारत के उस महान  व्यक्ति की श्रद्धांजलि हेतु अच्छी रचना लिखी है हमारी भी विनम्र श्रद्धांजलि.

Comment by Nita Kasar on July 28, 2015 at 9:02pm
विराट व्यक्तित्व के स्वामी कलाम साहब देश और युवाओं ।के लिये अंतिम समय तक पूरे तन मन से लगे रहे है मेरी विनम्र
श्रदधाजंलि उनके लिये ।परमात्मा उनकी आत्मा को शांति दें ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 28, 2015 at 8:40pm
श्रंद्धांजलि

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 28, 2015 at 12:56pm

भारत के उस महान व्यक्तित्व को भावभीनी श्रद्धांजली .....

Comment by मनोज अहसास on July 28, 2015 at 12:52pm
नमन
सादर
Comment by Harash Mahajan on July 28, 2015 at 11:29am

श्रद्धांजलि स्वरूप बहुत ही  सुंदर शब्दों का प्रयोग किया है आपने Pankaj Kumar Mishra जी |ऐसे महान शक्सियत को हम नमन करते हैं और दुआ करते हैं की  खुदा उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे | आमीन !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
3 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service