For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बस मैं जानूं या तुम जानो ......

बस मैं जानूं या तुम जानो ......


पीर पीर   को    क्या    जाने
नैन   विरह   से      अनजाने
वो दृग स्पर्श की अकथ कथा
बस   मैं   जानूं या तुम जानो ....... 


पल बीता  कुछ  उदास  हुआ
रुष्ट श्वास से  मधुमास   हुआ
क्यूँ दृगजल से घन बरस पड़े
बस  मैं  जानूं  या  तुम जानो ....... .

तुम   हर   पल   मेरे साथ थे
मेरी   श्वास   के  विशवास थे
क्यूँ   शेष   बीच  अवसाद रहे
बस  मैं   जानूं  या तुम जानो ......

सपन   नयन  से  झरने लगे
स्पंदन  देह  को   डसने  लगे
स्मृति  हंस  क्यों   मौन  हुए
बस  मैं  जानूं  या तुम जानो .....

कुछ  पास  हुए  कुछ दूर हुए
उर  भाव  अकथ मजबूर हुए
क्यों  सृजन  पूर्व सँहार हुआ
बस मैं  जानूं  या  तुम जानो .......

आसक्ति  पुष्प  सब धूल हुए 

पल  बाहुपाश  के   शूल  हुए
ये प्रेम विहग क्यूँ  मौन  हुए
बस  मैं   जानूं या तुम जानो .......

देह  अदेह   का   भेद  मिटा
शलभ   दीप   का नेह मिटा
क्यूँ  प्रेम  पंथ वट हीन हुआ
बस  मैं   जानूं या तुम जानो ......

बीती   विभावरी   की    बातें
सस्मित   सपनों   की    रातें
क्यूँ   बिम्ब  सभी अनंत  हुए
बस   मैं   जानूं या तुम जानो ...


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 605

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 3, 2016 at 3:33pm

आ.   vijay nikore  जी प्रस्तुति में निहित भावों को मान देने का हार्दिक आभार।

Comment by vijay nikore on April 3, 2016 at 3:26pm

बहुत ही सुन्दर भाव । रचना अच्छी लगी। बधाई।

Comment by Sushil Sarna on April 2, 2016 at 1:33pm

आ.  Dr Ashutosh Mishra जी प्रस्तुति में निहित भावों को मान देने का हार्दिक आभार।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 1, 2016 at 10:22pm
आदरणीय सुशील जी रचना पर मेरी हार्दिक शुभकामनाये स्वीकार करें स्साद्रर
Comment by Sushil Sarna on April 1, 2016 at 7:52pm

आ.   सुनील प्रसाद(शाहाबादी)  जी प्रस्तुति को आपके प्रशंसनीय शब्दों ने जो मान दिया है उसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by सुनील प्रसाद(शाहाबादी) on April 1, 2016 at 7:22pm
बहुत सुन्दर गीत हुई है आदरणीय भावनाओं को छूते कोमल शब्दों का प्रयोग मन मोहतें हैं।
Comment by Sushil Sarna on April 1, 2016 at 4:05pm

आदरणीय समर कबीर साहिब आदाब  .... आपने हमेशा मेरे सृजन को थपथपाया है  ... इस होसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया। 

Comment by Samar kabeer on April 1, 2016 at 2:56pm
जनाब सुशील सरना जी आदाब,सुंदर भवों से सजी इस शानदार प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sushil Sarna on April 1, 2016 at 1:45pm

आ.  maharshi tripathi  जी प्रस्तुति को आपके प्रशंसनीय शब्दों ने जो मान दिया है उसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on April 1, 2016 at 1:45pm

आ. narendrasinh chauhan जी प्रस्तुति में निहित भावों को मान देने का हार्दिक आभार।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
18 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
18 hours ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाई, ओबीओ की परम्परा का क्या ही सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत किया है आपने ! जय…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा है। सादर"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मेरे कहे को मान देने और अनुमोदन हेतु आभार। सादर"
19 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service