For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"आज़ादी का गीत"
(2212 122 अंतरा 22×4 // 22×3)
(तर्ज़- दिल में तुझे बिठा के)

भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,
मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

सन सैंतालिस मास अगस्त था, तारिख पन्द्रह प्यारी,
आज़ादी जब हमें मिली थी, भोर अज़ब वो न्यारी।
चारों तरफ खुशी थी, छायी हुई हँसी थी,
ये पर्व हम मनाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

आज़ादी के नभ का यारों, मंजर था सतरंगा,
उतर गया था जैक वो काला, लहराया था तिरंगा।
भारत की जय थी गूँजी, अनमोल थी ये पूँजी,
सपने नये सजाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

बहुत दिये बलिदान मिली तब, आज़ादी ये हमको,
हर कीमत दे इसकी रक्षा, करनी है हम सबको।
दुश्मन जो सर उठाएँ, उनको सबक सिखाएँ,
मन में यही बसाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,
मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 470

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shyam Narain Verma on August 17, 2017 at 3:48pm
बेहद उम्दा ...बहुत बहुत बधाई आप को आदरणीय | सादर 
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on August 16, 2017 at 11:49am
आ0 मोहम्मद आरिफ जी आपने जश्ने आज़ादी के गीत में शिरकत की और बधाई से नवाजा आपका हृदय से आभार।
Comment by Mohammed Arif on August 15, 2017 at 7:48pm
आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी आदाब,जश्ने आज़ादी की गरिमा-गौरव और महत्व को रेखांकित करता बहुत ही प्यारा गीत । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । जश्ने आज़ादी की बधाई ।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on August 15, 2017 at 6:53pm
आदरणीय समर साहिब आपका हृदय तल से आभार।
Comment by Samar kabeer on August 15, 2017 at 6:11pm
जनाब बासुदेव अग्रवाल'नमन'जी आदाब,यौम-ए-आज़ादी पर अच्छा गीत लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
पहले बन्द के अंत में मात्रा पूरी करने के लिये 'तारीख़' को "तारिख"लिखा है आपने ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
16 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
16 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
17 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service