For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

*" गुरु पूर्णिमा "* - कविता/अर्पणा शर्मा, भोपाल

गुरू-महात्म्य है अपरंपार,

गुरूवर नमन आपको बारंबार,

सर्वप्रथम गुरू हैं मात-पिता,

जग से जोड़ा अपना नाता,

पालन-पोषण-शिक्षा सँभाल,

दायित्वपूर्ण इनका सब संसार,

गुरूवर नमन आपको बारंबार,

ज्ञान दीप प्रज्वलित किये,

अज्ञान-तम सब हर लिये,

अहसान हैं हम पर अपार,

कैसे चुके इस ऋण का भार,

गुरूवर नमन आपको बारंबार,

हमें थे अविदित ईश्वर भी,

उनकी भी प्रतीति गुरू से ही,

गुरू से जाने कर्म के निमित्त,

हताशा में नव-आशा संचार,

गुरूवर नमन आपको बारंबार,

मनो-मालिन्य और विकार,

दृढ़ता से सबका संहार,

त्यज कर अहम्-ईर्ष्या और क्रोध,

कराया जगत-आचार बोध,

सुशोभित किए उत्तम विचार,

गुरूवर नमन आपको बारंबार।

मौलिक एवं अपकाशित

मौलिक एवं अप्रकाशित

मेरी कविता में सुधार/संशोधन हेतु आप सभी के सह्रदय सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।

Views: 598

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Arpana Sharma on August 28, 2018 at 12:01am

आदरणीय बबीता गुप्ता जी, श्रीमान् बृजेश कुमार जी, मोहतरम जनाब समर कबीर जी, श्रीमान् नवीन मणि त्रिपाठी जी एवं श्रीमान् विजय निकोर जी, 

आप सभी की सह्रदय सराहना से मेरी रचना सार्थक हुई और मेरी लेखनी ऊर्जस्व हुई।

बहुत क्षमाप्रर्थी हूँ कि आप सभी के संदेश  बहुत देरी से अभी ही देखे। पहले अनजाने में ये संदेश मुझसे छूट गये।

Comment by vijay nikore on August 1, 2018 at 2:15pm

अर्पणा जी, आपकी कविता पढ़ कर आनन्द आ गय। बधाई।

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 31, 2018 at 9:46pm

आ0 शर्मा जी गुरु के प्रति अद्भुत उदगार पढ़ कर मंत्र मुग्ध हूँ । हार्दिक बधाई आपको ।

Comment by Samar kabeer on July 31, 2018 at 6:10pm

मुहतरमा अर्पणा शर्मा जी आदाब,अच्छी कविता हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 29, 2018 at 2:33pm

उत्तम गुरु वंदना है  आदरणीया..सादर

Comment by babitagupta on July 28, 2018 at 9:09pm

बेहतरीन शब्दों में गुरु महिमा का वर्णन, हार्दिक बधाई आदरणीया दी।जेठ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
14 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सहर्ष सदर अभिवादन "
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, पर्यावरण विषय पर सुंदर सारगर्भित ग़ज़ल के लिए बधाई।"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर सारगर्भित कुण्डलिया छंद के लिए बहुत बहुत बधाई।"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथलेश जी, सुंदर सारगर्भित रचना के लिए बहुत बहुत बधाई।"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर कुंडली छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
" "पर्यावरण" (दोहा सप्तक) ऐसे नर हैं मूढ़ जो, रहे पेड़ को काट। प्राण वायु अनमोल है,…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। पर्यावरण पर मानव अत्याचारों को उकेरती बेहतरीन रचना हुई है। हार्दिक…"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"पर्यावरण पर छंद मुक्त रचना। पेड़ काट करकंकरीट के गगनचुंबीमहल बना करपर्यावरण हमने ही बिगाड़ा हैदोष…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"तंज यूं आपने धूप पर कस दिए ये धधकती हवा के नए काफिए  ये कभी पुरसुकूं बैठकर सोचिए क्या किया इस…"
20 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service