आल इज वेल इन बोर-वेल......!!!!
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फिर बोर-वेल ने सेना और इलेक्ट्रोनिक मिडिया को काम पे लगा दिया.
इसके इजाद करने वाले ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके बोर-वेल को प्रसिद्धि की ऐसी खुराक नसीब होगी.
पहले भी सरकारी दफ्तरों की कृपा से बोर-वेल ने काफी नाम कमाया है.धरती की छाती पर जितने बोर-वेल नहीं गड़े होंगे उससे कई गुण ज्यादा तो पेपरों की शान बढ़ा रहें है.
इससे जनता को पानी मिला हो या ना मिला हो मगर इससे निकली नोटों की धार ने संत्री से लेकर वाटर-सप्लाई विभाग के मंत्री तक के घडो को लबा-लब किया है.
धीरे-धीरे इस चमत्कारी आईटम ने कागजों से निकल कर सीधे-सीधे ग्राउंड वर्क शुरू कर दिया.
अब तक प्रिंस से लेकर ना जाने कितने मासूम बच्चों के नाम पर बोर-वेल ने इन्तेर्नेश्नल लेवल पे सुर्खियाँ बटोरी है.
प्रिंस को तो लोग कब का भूल गए मगर बोर-वेल है की किसी ना किसी बच्चे के बहाने सामने आ कर खड़ा हो जाता है.
बनाने वाले को कभी लगा नहीं होगा की उनका प्रोडक्ट इतना नाम कमाएगा.
काम था पानी का...जनता की प्यास बुझाने का
मगर समय के साथ ...काम पानी का ही हो रहा है ...पर दुध्मुहों बच्चो के लिये आँखों से बहने वाले अश्कों के पानी का.
बहुत दिनों से पडोसी पाकिस्तान भी केवल भड़काने की बात कर रहा है...उदध करने का नाम ही नहीं ले रहा.
युद्ध स्तर तक आते-आते कभी क्रिकेट तो कभी किसी बहने वो टरकामायसिन थमा देता है सो हमारी सेना के पास कोई काम-धंधा नहीं बचा
भला हो बोर-वेल के खुले हुये मुखों का जसने देश की दो अग्रगण्य संस्थाओं एक सेना तो दूजी मिडिया को फुल टाइम काम पे लगा दिया.
सेना को आजकल चौबीसों घंटे अलर्ट पे रखा जाता है.
ना जाने कब देश के किस भाग में किसी बोर-वेल का मुख किसी बच्चे की बलि लेने पे उतारू हो जाये.
फिट काम है वही बोर-वेल के बाजु में बड़ा सा सामानांतर कुआँ खोदो....बोर-वेल से कनेक्ट करो....बच्चे को निकल लो
आजकल हमारी सेना बोर-वेल से बच्चा निकालू काम में बला की एक्सपर्ट हो चुकी है
विश्व -स्तर पर हमारी सेवाओं के विस्तार करने की जरुरत है
रेवेन्यु जनरेट करने का एक और मौका....वित्त-मंत्रिबनाम प्रधान मंत्री इस ओर खास ध्यान दे.
अब मिडिया का रोल
खास कर इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने इस क्षेत्र में अच्छे झंडे गाड़े हैं.पूरा देश खाना-पीना छोड़ के तब तक टेलीविजन के सामने डटा रहता है जब तक बोर-वेल से बच्चा बाहर ना आ जाये.जनता की भावनाओं से जुड़े मसले टी.आर. पी. के लिये अच्छी दुधारू गाएँ सिद्ध होती है सो मिडिया पूरे लाव-लश्कर के साथ ऐसी देश-सेवा में जुटा रहता है...थ्रिलिंग आइटम है...धांसू कव्हरेज जाता है.
सुना है बोर-वेल के मामलों के कव्हरेज हेतु हर चैनल अपने में कुछ क्रन्तिकारी बदलाव लाने की रन-नीति तैयार करने में जुटा है.सेना भी एक बोर-वेल बटालियन के गठन का गंभीरता से विचार कर रही है.
देश में तमाम बोर्वेलो का गहन अध्ययन जारी है ताकि भविष्य में बोर-वेल में बच्चा गिरते ही सम्बंधित विभाग तुरंत हरकत में आ जाये.
सभी बोरवेल को नेटवर्क से जोड़ने पर भी विचार शुरू है ता कि देश के तमाम खुले पड़े बोरवेल के पल-पल का हिसाब सामने हो.
परिवार नियोजन वाले भी अपने ढंग से जन-संख्या नियंत्रण हेतु इन बोरे-वेलो पर नज़र रखे हुये है.
"बोर-वेल में घुस-घुस कर,आज के नौनिहाल
ऊँचा करने में जुटे,भारत-भू का भाल!!!!!!"
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अविनाश बागडे...
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