बुजुर्ग दिवस के उपलक्ष में
सेदोका एक जापानी विधा ३८ वर्ण ५७७५७७
(१)बूढ़ा बदन
कंपकपाते हाथ
किसी का नहीं साथ
लाठी सहारा
पाँव से मजबूर
बेटा बहुत दूर
(२)धुंधली आँखें
झुर्री भरा चेहरा
भाव बड़ा गहरा
भूख है लगी
चूल्हे पर नजर
बच्चे हैं बेखबर
(३)बीमार बूढा
रात भर खांसता
परिवार कोसता
गीला बिछौना
सर्दियों का महीना
मुश्किल हुआ जीना
(४)एकांत कक्ष
मन कहाँ लगता
प्यार को तरसता
कुछ बोला तो
ऐश में बना रोड़ा
वृधाश्रम में छोड़ा
(५)सौभाग्य वही
वृद्धों का जो साथ है
आशीष का हाथ है
उनसे पूछो
ना माँ है ना बाप है
जीना अभिशाप है
************
Comment
आदरणीय सौरभ जी हार्दिक आभार रचना के मर्म को महसूस करने के लिए ,आस पास घटने वाली घटनाएं ,अनुभव ही लिखने की प्रेरणा देते हैं |
हृदय भर आया और् अमन नम हो गया. कुछ शब्द-चित्र तो एकदम से झकझोर देते हैं. इस सफल अभिव्यक्ति पर हार्दिक बधाइयाँ.
एक बात और, आपने विधा को बेहतर निभाने की कोशिश की है. पुनः बधाइयाँ.
सादर
हार्दिक आभार प्रिय कुमार अजीतेंदु जी
आदरणीय सतीश मापत पुरी जी हार्दिक आभारी हूँ रचना के मर्म को महसूस करने के लिए और प्रशंसा करने के लिए
आदरणीया राजेश जी.....बुजुर्गों के सम्मान में लिखी एक सार्थक रचना के लिए बधाई स्वीकारें.........
ये बुजुर्ग ही हमारी थाती हैं . आज के युवा पीढ़ी इस थाती की उपेक्षा करने लगी है ,ऐसी स्थिति में आपकी इस रचना की सार्थकता और बढ़ जाती है . इस सारगर्भित सामयिक रचना के लिए बधाई राजेश कुमारी जी
बहुत बहुत शुक्रिया प्रिय प्राची जी
हार्दिक आभार गणेश बागी जी आपको रचना पसंद आई
बुजुर्गों को पीड़ा को बहुत संवेदनशीलता के साथ व्यक्त किया है. इस अभिव्यक्ति हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया राजेश कुमारी जी
बहुत ही सामयिक रचना है आदरणीया, बहुत बहुत बधाई इस शानदार अभिव्यक्ति पर |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online