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फिर घूँघट की शान बढाता है पल्लू

जीवन में हर रंग दिखाता ये  पल्लू 

सर पर तो पूरित हो जाता है पल्लू 

 गर्मी  में  चेहरे का  पसीना  पौंछता   

सावन में छतरी बन जाता है पल्लू 

 

जब- तब शादी में गठबंधन करवाता  

दो जीवन को एक बनाता ये पल्लू 

झोली बन कर आखत अर्पण करवाता   

फिर घूँघट की शान बढाता है पल्लू  

 

कभी कभी नव शिशु का झूला बन जाता    

आँखों से तिनका चुन लेता  ये  पल्लू   

रोता  बालक  माँ  के पीछे जब दौड़े   

हाथो की ऊँगली बन जाता है  पल्लू 

 

सर ढके जग में संस्कारी कहलाता 

ढल गया तो   कहर बरपाता ये  पल्लू 

छन छन् छन् छन घर की कुंजी छनकाता 

आये आँसू  आँख पौंछता है पल्लू 

 

चाहत में प्रेमी का साहिल बन जाता 

झगड़े  में फंदा  बन जाता ये पल्लू 

भार उठाने सर की टिकड़ी भी बनता 

धोबिन का हंटर  बन जाता है पल्लू   

 

स्वदेशी प्राचीन संस्कृति का द्योतक 

पुरखों की थाती का मानक ये  पल्लू 

जाने अब दुनिया में कैसी हवा बही 

उड़ा ले गई मरी  सिरों से वो  पल्लू  

 

जीवन में हर रंग दिखाता ये  पल्लू 

सर पर तो पूरित हो जाता है पल्लू 

*********************************

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

 

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2013 at 9:50pm

प्रिय नूतन जी रचना पर आपकी सराहना मिली लेखन सफल हुआ |

Comment by डॉ नूतन डिमरी गैरोला on July 12, 2013 at 9:18pm

पल्लू के विभिन्न पहलुवों को दर्शाती ... यह  नायाब रचना है ... आपको स्नेह और आदर के साथ प्रिय मित्र राजेश जी ...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2013 at 9:14pm

आदरणीय डी पी माथुर जी रचना के भाव को सराहा रचना सफल हुई हार्दिक आभार आपका 

Comment by D P Mathur on July 12, 2013 at 9:07pm

जीवन में हर रंग दिखाता ये  पल्लू 

सर पर तो पूरित हो जाता है पल्लू 

आदरणीया राजेश कुमारी जी , पल्लू को बहुत ही सकारात्मक ढ़ंग से परिभाषित किया है आपने सुन्दर प्रस्तुति की बधाई ! 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2013 at 9:04pm

किशन कुमार जी   आपको यह रचना पसंद आई बहुत बहुत  आभार   आपका 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2013 at 8:06pm

राम शिरोमणि पाठक जी  आपको यह रचना पसंद आई हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2013 at 8:04pm

नीरज मिश्रा जी आपको यह रचना पसंद आई हार्दिक आभार |

Comment by ram shiromani pathak on July 12, 2013 at 7:58pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत सुन्दर रचना //हार्दिक बधाई

Comment by Neeraj Nishchal on July 12, 2013 at 7:58pm

अप्रतीम रचना आदरणीया राजेश कुमारी जी । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2013 at 5:05pm

आदरणीय विजय जी रचना पर आपकी प्रतिक्रिया लेखन को सार्थक बना रही है हार्दिक आभार 

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