इतना ओवर री एक्ट क्यूँ कर रही हो ऋतिका! मुंह कब तक फुलाए रखोगी ऐसा क्या कर दिया मैंने? तुम ही तो चाहती थी कि मैं तुम्हारी तरह समाज सेवा करूँ इसी लिए तो उस एक्सीडेंट के केस को अपनी कार में उठा के लाया पूरी कार ब्लड से गन्दी भी करवाई ,अपने हॉस्पिटल में एडमिट भी किया और ट्रीट मेंट भी कर रहा हूँ और क्या चाहिए तुमको ? और अच्छी खासी रकम भी तो ली है ये क्यूँ नहीं कहते!!! ,ऋतिका का दबा गुस्सा मानो अचानक ज्वाला मुखी बनकर फूट निकला ,केवल दो किलोमीटर पीछे हुए एक्सीडेंट का वो बेचारा पेशेंट साइकिल वाला था ना और ये कार वाला, क्या ये अंतर मैं नहीं समझती ,कम से कम भगवान् से तो डरो भले ही मैं डॉ. नहीं हूँ पर इतना तो मुझे भी पता है की डाक्टर बनते वक़्त आप लोग क्या-क्या शपथ खाते हो!!!
Comment
आदरणीय वीनस केसरी जी लघुकथा आपको पसंद आई मेरे लेखन को सार्थकता मिली हार्दिक आभार |
साईकिल के प्रसंग ने लघुकथा को ऊँचाई दे दी
बहुत शानदार ...
हाँ शुभ्रांशु पाण्डेय जी सही कहा ,डाक्टरी भी एक पैसा उघाऊ पेशा बनकर रह गया है लागों की नजरों में भगवान् सम डॉक्टरों की छवि बिगड़ने लगी है। लघु कथा पर प्रतिक्रिया देने हेतु हार्दिक बधाई
आ. राजेश कुमारी जी, एक सच्चाई जिसे सब जान कर भी अनजान होने का नाटक करते हैं. सेवा भी केवल समरथ को मिलती है. पहाडों की तबाही ने इसे सिद्ध भी किया है...
सादर
प्रिय प्राची जी लघुकथा के मर्म का अनुमोदन कर आपने मेरी रचना को मान दिया इसके लिए हार्दिक आभार आपका
सोशल सर्विस सिर्फ..कार वाले एक्सीडेंट में याद आई .... सायकिल वाले में नहीं
बहुत अच्छी लघुकथा लिखी है आ० राजेश जी
हार्दिक बधाई
आदरणीया कुंती जी आपकी सराहना से ये लघुकथा धन्य हुई दिल से आभार |
थोड़े से श्ब्दों में आपने बहुत ही अच्छा पाठ पढ़ा दिया है. राजेश जी.
सादर आभार ब्रजेश नीरज जी लघु कथा आपको पसंद आई। उत्साह वर्धन हेतु दिल से आभार आपका
सादर आभार जितेन्द्र जीत जी लघु कथा आपको पसंद आई।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online