For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सत्कर्मों से जो सदा ,खेता है पतवार ,
समझो वो नर हो गया ,भवसागर से पार !!१

राम नाम ही सत्य है ,कहते वेद पुराण!
रमा राम के नाम जो ,उसका ही कल्याण !!२

ज्ञान चक्षु को खोलकर ,ऐसा दीपक बार !
जिससे घटता दंभ तम ,छटते मलिन विचार !!३

श्रद्धानत हो पूजते ,मन में दृढ़ विश्वास !
ऐसे नर के हिय सदा ,शिव शम्भू का वास !!४

सब धर्मों का सार यह ,सुनिये मेरी बात!
फल भी वैसा ही मिले ,जैसी करनी तात !!५

सहज नहीं दिखते कभी,सबको ही भगवान् !
वही मनुज होता सफल ,जिसको जीवन ज्ञान !!६


***************************************************

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1515

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 8:42pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय हेमंत जी//सादर 

Comment by hemant sharma on September 27, 2013 at 8:36pm
बहुत ही सुन्दर व सार्थक दोहे आदरणीय बधाई.......
Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 8:33pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई वैद्य नाथ  जी //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 8:31pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई ब्रिजेश जी //सादर 

Comment by बृजेश नीरज on September 27, 2013 at 8:27pm

बहुत ही सुन्दर! भाव कथ्य के हिसाब से उच्च श्रेणी के दोहे! आपको हार्दिक बधाई राम भाई!

Comment by Saarthi Baidyanath on September 27, 2013 at 8:26pm

क्या कहने .... 

सत्कर्मों से जो सदा ,खेता है पतवार , 
समझो वो नर हो गया ,भवसागर से पार

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 7:47pm

अमूल्य सुझाव के लिए बहुत  बहुत  आभार आदरणीया  प्राची जी //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on September 27, 2013 at 7:46pm

बहुत  बहुत  आभार आदरणीय गिरिराज जी //सादर  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 27, 2013 at 7:32pm

प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी 

गहन गंभीर कथ्य को दोहों में प्रस्तुत करने के लिए बधाई 

राम नाम ही सत्य है ,कहते वेद पुराण! 
रमा राम के नाम जो ,उसका ही कल्याण !!२...............यहाँ ही को हो करें तो?

ज्ञान चक्षु को खोलकर ,ऐसा दीपक बार ! ....... इसका अर्थ क्या है, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा 

इस सुन्दर प्रयास के लिए हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 27, 2013 at 7:04pm

आदरणीय राम शिरो मणी भाई , सुदर दोहों की रचना के लिये बधाई !! `

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
12 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
12 hours ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service