For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ठण्ड भयानक पड़ने लगी थी और विभिन्न समाजसेवी संस्थाएं रोज लोगों से अपील कर रही थीं कि सड़क के किनारे रह रहे लोगों को गर्म वस्त्र दान करें | सड़क पर तमाम न्यूज़ चैनल की गाड़ियां घूम रही थीं और इन कार्यक्रमों को दिखा रही थीं |
उस मोहल्ले के आखीर में भी एक भिखारी सड़क पर पड़ा हुआ था | कुछ लोगों ने उसे ऊनी कम्बल इत्यादि दान किये और ये भी उन चैनल्स ने कैमरों में कैद किया लेकिन उसकी हल्की बुदबुदाहट पर किसी ने ध्यान नहीं दिया |
सुबह वो भिखारी मरा पड़ा था | लोग खाने के लिए देना भूल गए थे |

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 800

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on January 26, 2015 at 3:01pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय गणेश जी बागी जी |

Comment by विनय कुमार on January 26, 2015 at 3:01pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 25, 2015 at 5:59pm

एक प्रभावशाली लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय विनयजी. 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 25, 2015 at 2:42pm

अच्छी लघुकथा आदरणीय विनय सिंह जी. बधाई.

Comment by विनय कुमार on January 24, 2015 at 8:40pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी..

Comment by विनय कुमार on January 24, 2015 at 8:40pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी..

Comment by विनय कुमार on January 24, 2015 at 8:38pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय राहुल डांगी जी..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 24, 2015 at 7:49pm

मर्मस्पर्शी लघुकथा, आदरणीय विनय जी. हार्दिक बधाई

Comment by Hari Prakash Dubey on January 24, 2015 at 7:38pm

आदरणीय विनय कुमार जी, बधाई आपको सार्थक ,सुन्दर लघुकथा ।

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 24, 2015 at 6:55pm
जिन्दगी और दुनिया की हकिकत बयाँ करती हुई रचना! सुन्दर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेंदर भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई आपको , गुनी जन की बातों का ख्याल कीजियेगा "
15 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय आजी भाई , ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है , दिली बधाई स्वीकार करें "
18 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"वाह वा , आदरणीय लक्ष्मण भाई बढ़िया ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
21 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय आजी भाई उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
24 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. सुरेन्द्र भाई "
34 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
34 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आभार आ. गिरिराज जी "
34 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
2 hours ago
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई जी सादर नमस्कार जी। अहा! क्या कहने भाई जी बेहद शानदार और जानदार ग़ज़ल हुई है। अभी…"
4 hours ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
9 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
9 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service