For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फिर आओ गोपाल [ दोहा गीत जन्माष्टमी पर ]

 

हे पार्थ के सारथी, हे जसुमति के लाल

हरने जन की पीर अब , फिर आओ  गोपाल

 

ध्वस्त किया था कंस का ,इक दिन तुमने मान

निडर हो गया कंस अब ,और हुआ बलवान

घूम रहा है ओढ़ कर ,सज्जनता की खाल

हरने जन की पीर अब ,  फिर आओ  गोपाल

 

पाँचाली के चीर का ,किया खूब विस्तार   

नयनों में भर नीर फिर ,तुमको रही पुकार

अंध सभा में ठोकता , दुःशासन फिर  ताल

हरने जन की पीर अब  ,फिर आओ गोपाल

 

अर्जुन का रथ थाम कर ,दिया कर्म सन्देश

पाँसे अब है फेंकता ,शकुनि बदल कर वेश

हरे गेरुए मोहरे , जमी द्यूत  चौपाल

हरने जन की पीर अब   ,फिर आओ गोपाल

 

मौलिक व् अप्रकाशित  

 

    

Views: 1169

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pratibha pande on September 19, 2016 at 7:37pm

 हार्दिक आभार आदरणीया अलका चंगा जी 

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on September 9, 2016 at 8:15pm

बेहद खूसूरत दोहा गीत .आदरणीया प्रतिभा पांडे जी ..जय श्री कृष्णा 

Comment by pratibha pande on September 3, 2016 at 1:21pm

  हार्दिक आभार आदरणीय सुरेश जी 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on August 29, 2016 at 6:28pm
आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सुन्दर दोहा रचना के लिए हार्दिक बधाई ।
Comment by pratibha pande on August 27, 2016 at 6:39pm

  प्रयास पर आकर उत्साहवर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी ...सादर 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 26, 2016 at 8:33pm

बढ़िया दोहे ============= वाह

Comment by pratibha pande on August 26, 2016 at 8:51am

  प्रयास पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर जी ..सादर 

Comment by pratibha pande on August 25, 2016 at 6:18pm

जी आदरणीय गिरिराज जी , आपका सुझाव उत्तम है ,परिमार्जन हेतु प्रस्तुत करती हूँ , इसी प्रकार उत्साह बढ़ाते रहिएगा ..आपका हार्दिक आभार ...सादर 

Comment by pratibha pande on August 25, 2016 at 6:15pm

आपको ये प्रयास अच्छा लगा मेरा लिखना सफल हुआ ,आका हार्दिक आभार आदरणीया राजेश जी 

Comment by pratibha pande on August 25, 2016 at 6:13pm

 आदरणीय मनन कुमार जी , सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
8 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
8 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service