For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन में ही हार, जीत मन में..

मन में ही हार, जीत मन में,
मन में ही अर्थ-अनर्थ लिखा,
लेखनी बदल दे मनोभाव,
तो समझो सत्य, समर्थ लिखा !

यदि प्रेम प्रस्फुटित हो मन में,
अनुराग परस्पर संचित हो,
नि:स्वार्थ भावना हो शाश्वत,
कोई भी नहीं अपवंचित हो,
जब हो समाज में रामराज्य,
तो समझो सार्थक अर्थ लिखा !

यदि छद्म भेष, छल दम्भ द्वेष,
मानव में ही घर कर जाये,
यदि राम कृष्ण की जन्मभूमि,
पर मानवता ही मर जाये,
यदि मन मलीन हो, जड़वत हो,
तो लगा, कदाचित् व्यर्थ लिखा !

मन में ही हार, जीत मन में,
मन में ही अर्थ-अनर्थ लिखा,
लेखनी बदल दे मनोभाव,
तो समझो सत्य, समर्थ लिखा !

अजय शर्मा " अज्ञात "
मौलिक एवं अप्रकाशित.

Views: 791

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 29, 2018 at 7:20pm

आ. भाई अजय जी, बेहतरीन कविता हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Ajay Kumar Sharma on August 18, 2018 at 9:09am

बसंत सर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद...

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 18, 2018 at 8:51am

अह वाह उत्कृष्ट सृजन के लियेबहुत बहुत बधाई आपको 

Comment by Ajay Kumar Sharma on August 16, 2018 at 7:59am

आदरणीया नीलम जी एवं आदरणीया बबिता जी हार्दिक धन्यवाद...

Comment by babitagupta on August 15, 2018 at 4:03pm

बेहतरीन जीवन जीने व सामजिक मूल्यों का संदेश देती भाव पूर्ण बेहतरीन रचना,हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय सरजी। 

Comment by Neelam Upadhyaya on August 14, 2018 at 3:17pm

आदरणीय अजय कुमार जी,  नमस्कार।  बढ़िया रचना की प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें।

 

Comment by vijay nikore on August 12, 2018 at 3:02pm

अति भावपूर्ण रचना । आपको बधाई अजय जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 10, 2018 at 10:12pm

बेहतरीन संदेश वाहक बेहतरीन सृजन। हार्दिक बधाइयाँ जनाब अजय कुमार शर्मा साहिब।

Comment by Ajay Kumar Sharma on August 10, 2018 at 9:43pm

डॉ. गोपाल सर आप की सलाह सर माथे पर .

कोटिश: धन्यवाद.

Comment by Ajay Kumar Sharma on August 10, 2018 at 9:41pm

कबीर सर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service