For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - (तरही मुशायरा -15 में सम्मिलित)

 

ज़िन्दग़ी का रंग हर स्वीकार होना चाहिये
जोश हो, पर होश का आधार होना चाहिये ||1||

एक नादाँ आदतन खुशफहमियों में उड़ रहा
कह उसे, उड़ने में भी आचार होना चाहिये ||2||

साहिबी अंदाज़ उसपे सब्ज़चश्मी या खुदा
साहिबों के हाथ अब अख़बार होना चाहिये ||3||

जा गरीबों की गरीबी वोट में तब्दील कर
है सियासी ढंग पर साकार होना चाहिये ||4||

बीड़ियों से बीड़ियाँ जलने लगी हैं गाँव में
हर धुँआती आँख में अंगार होना चाहिये ||5||

झुर्रियाँ कहने लगीं अब वक़्त उसका थक रहा
उम्र के इस मोड़ पे इतवार होना चाहिये ||6||

शब्द होठों पे चढ़े तो आप क्यों चिढ़ने लगे
शब्द का हर होंठ पे अधिकार होना चाहिये ||7||

गो’ ये रातें सर्द हैं पर यार इनमें ताब है
मौसमों में है मज़ा, बस प्यार होना चाहिये ||8||


तुम हुये तो हो गये हम ज़िन्दग़ीवाली ग़ज़ल
अब लगा हर सुर सनम दमदार होना चाहिये ||9||

खैर खाँसी खूँ खुशी पर्दानशीं कब, इश्क़ भी !
इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिये ||10||

आपके आजू नहीं तो आपके बाजू सही
देखिये ‘सौरभ’ सभी का यार होना चाहिये ||11||

*******************

--सौरभ


Views: 649

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MARKAND DAVE. on October 17, 2012 at 11:47am

शब्द होठों पे चढ़े तो आप क्यों चिढ़ने लगे
शब्द का हर होंठ पे अधिकार होना चाहिये ||7||

 

Very Nice Resp.Sirji,

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 3, 2012 at 7:56pm

वाह वाह वाह. एक से बढ़ कर एक शेर. किसी भी शेर को उध्रित कर के दूसरे शेर का अपमान नही करना चाहता. अल्फ़ाज़, भाव, और अनुभव का अद्भुत समन्वय. कोटि कोटि बधाई.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 17, 2012 at 11:35pm

जो कुछ आप देख-पढ़ रही हैं, इसका श्रेय इस मंच को ही जाता है.

सधन्यवाद.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 19, 2011 at 3:49pm

//बीड़ियों से बीड़ियाँ जलने लगी हैं गाँव में
हर धुँआती आँख में अंगार होना चाहिये ||5||//

बहुत जानदार शेर ! वैसे पूरी की पूरी ग़ज़ल ही बहुत शानदार, जानदार व ईमानदार है! आदरणीय भाई सौरभ जी इस हेतु आपको बहुत-बहुत बधाई  !

Comment by satish mapatpuri on October 14, 2011 at 12:23am

मेरी गैरहाजिरी पर गौर किया आपने, यह जानकर मुझे अपने आप पर गर्व हो रहा है आदरणीय सौरव जी............... बहुत -बहुत आभार बंधुवर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 12, 2011 at 9:20am

धन्यवाद सतीशजी, आपको मेरा प्रयास भाया. सहयोग बना रहे.

आपकी कुछ दिनों की अनुपस्थिति बहुत दुखदायी रही.  आपको हम सभी ’मिस’ किये भाई..!!

Comment by satish mapatpuri on October 12, 2011 at 12:13am

झुर्रियाँ कहने लगीं अब वक़्त उसका थक रहा
उम्र के इस मोड़ पे इतवार होना चाहिये ||6||

शब्द होठों पे चढ़े तो आप क्यों चिढ़ने लगे
शब्द का हर होंठ पे अधिकार होना चाहिये ||

ज़हेनसीब .................. शानदार है भाई सौरभ जी, दाद कबूल करें


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 11, 2011 at 8:28am

बहुत-बहुत शुक्रिया अभिनवजी. सहयोग बना रहे.  मुन्तखिब शे’र के लिये अलग़ से शुक्रगुज़ार हूँ.

और भाईजी, अभी-अभी तो ’ककहरा’ शुरु किया है, ’उस्ताद’ जैसे बुलडोजिंग शब्दों से न डराइये. सुझावों-सलाह के लिये, भाईजी, फिर कहाँ जाऊँगा !   :-))))))

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 11, 2011 at 8:22am

हार में मनके जड़े हैं, बानगी कुछ बेबसी 

पेश है जो बन सका, स्वीकार होना चाहिये

धन्यवाद, आराधनाजी.

Comment by Abhinav Arun on October 10, 2011 at 11:47am

आहा उस्तादाना शायरी की मजबूत मिसाल !!

कमाल की ग़ज़ल !! और इस भाषा शैली के क्या कहने मेरे ग़ालिब की याद हो आई !!

एक शेर चुना है मेरा मोस्ट फेवरिट -

बीड़ियों से बीड़ियाँ जलने लगी हैं गाँव में
हर धुँआती आँख में अंगार होना चाहिये ||5||

हार्दिक बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service