सुबह सुहानी आ गई ,लेकर शुभ सौगात |
अधर पर मुस्कान लिए, प्यार बसे दिन रात||
पूरे हों सपने सभी ,रहो न उनसे दूर |
गम का ना हो सामना ,ख़ुशी मिले भरपूर||
तारे सारे छुप गए ,आई प्यारी भोर |
आँगन खुशिओं से भरे ,मनवा नाचे मोर||
सुखद सन्देश जो मिले ,अधर आय मुस्कान|
खुशिओं से हो वास्ता ,मिले हमेशा मान||
पुष्प सी मुस्कान लिए ,रहो हमेशा पास |
होना ना उदास कभी क्योंकि आप हो ख़ास||
रविवार का दिवस अभी ,करलो आज विश्राम|
बाकी कल सब देखना,रह गय हैं जो काम||
रविवार का दिवस गया, छोड़ो अभी विश्राम|
पूरे करलो अब सभी, छूट गए जो काम||
भोर सुहानी दे गई ,खुशिओं का पैगाम |
हर दिन ही लाये ख़ुशी ,करलो ऐसे काम ||
...........मौलिक व अप्रकाशित ...............
Comment
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
आपके इस प्रयास पर आपको ढेरों बधाइयां। सादर!
प्रिय सरिता जी वाह बहुत सुन्दर भाव पूर्ण दोहों पर प्रयास किया है बाकी प्रिय प्राची जी के कहने के बाद कुछ नहीं रह जाता कहने के लिए ,बहुत बहुत बधाई स्वीकारें
आदरणीय रविकर जी बहुत खूब शुक्रिया sir आपका
आ० सरिता भाटिया जी
बहुत सुन्दर सुकोमल भाव संजोये सुप्रभात के सुन्दर दोहों के लिए बहुत बहुत बधाई
आपने दोहा छंद के शिल्प का निर्वहन करने का अच्छा प्रयत्न किया है, किन्तु निम्न दोहों पर गौर कीजिये
सुखद सन्देश जो मिले ,अधर आय मुस्कान|..विषम चरण में गेयता बाधित है इसे यदि (सुखद मिले सन्देश जो)ऐसे किया जाए तो?
खुशिओं से हो वास्ता ,मिले हमेशा मान||.....वास्ता(२२)...विषम चरण का अंत सदैव १२ या १११ से ही किया जाता है
रविवार का दिवस अभी ,करलो आज विश्राम|..... विश्राम की गणना =(वि+आधा श् =२)+(रा =२)+(म=१)=५ होगी, आपने इसे ४गिना है...संयुक्त अक्षरों की मात्रा गणना करते वक्त संयुक्त अक्षर से पहले वाले वर्णाक्षर में आधा संयुक्ताक्षर जोड़ दिया जाता है.
बाकी कल सब देखना,रह गय हैं जो काम||
प्रयासरत रहें, गेयता और गणना सभी धीरे धीरे सधते जायेंगे
बहराल यह बहुत सुंदर प्रयास हुआ है , आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं
सादर
यह परिवर्तन कैसा है आदरेया ?
क्या आदरणीय अजय जी संतुष्ट हैं-
सुबह सुहानी आ गई, लेकर शुभ सौगात |
अधरों पर मुस्कान धर, प्यार बसे दिन रात||
पूरे हों सपने सभी , मत रह उनसे दूर |
गम का ना हो सामना ,ख़ुशी मिले भरपूर||
तारे सारे छुप गए , आई प्यारी भोर |
आँगन खुशियों से भरे, मनवा नाचे मोर||
सुखद मिले सन्देश जो, अधर आय मुस्कान|
खुशिओं से हो वास्ता ,मिले हमेशा मान ||
लिए पुष्प-मुस्कान शुभ, रहो हमेशा पास |
मत उदास होना सखी , हो तुम बेहद ख़ास ||
दिवस आज रविवार का, करो मित्र विश्राम|
बाकी कल सब देखना, बचे रहे जो काम||
बीत चुका रविवार जब, त्याग तुरत विश्राम|
पूरे करलो अब सभी, छूट गए जो काम||
भोर सुहानी दे गई ,खुशिओं का पैगाम |
हर दिन ही लाये ख़ुशी ,करलो ऐसे काम ||
आदरणीय रविकर sir ,हार्दिक आभार
नमस्कार आदरणीय अजय शर्मा जी
आपने ज्यादा जो शब्द सुझाये हैं वोह मात्रा गणना को बिगाड़ रहे हैं
आपने समय दिया इसके लिए शुक्रिया sir
सुबह सुहानी आ गई ,लेकर शुभ सौगात |
अधर पर मुस्कान लिए, प्यार बसे दिन रात|| "adharo pe muskan liye" could be more rythemic
पूरे हों सपने सभी ,रहो न उनसे दूर |
गम का ना हो सामना ,ख़ुशी मिले भरपूर||
तारे सारे छुप गए ,आई प्यारी भोर |
आँगन खुशिओं से भरे ,मनवा नाचे मोर|| " aangan bhar khushiya,n mile" in my opinion
सुखद सन्देश जो मिले ,अधर आय मुस्कान| sukhad sandesh"a" jo mile
खुशिओं से हो वास्ता ,मिले हमेशा मान||
पुष्प सी मुस्कान लिए ,रहो हमेशा पास | "phulo,n ki muskan liye"
होना ना उदास कभी क्योंकि आप हो ख़ास|| hona kabhi udaas mat kyonki tum ho khas ------tum ka priyog zyada
apnatva padarshit karta hai
रविवार का दिवस अभी ,करलो आज विश्राम| ravivaar ka divas hai kar lo tum vishram
बाकी कल सब देखना,रह गय हैं जो काम|| baaki kal sab dhekhna , rah jaye jo kaam
भोर सुहानी दे गई ,खुशिओं का पैगाम |
हर दिन ही लाये ख़ुशी ,करलो ऐसे काम || wah wah wah
...........मौलिक व अप्रकाशित ...............
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