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हास्य घनाक्षरी - 2 / गणेश जी बागी

घनाक्षरी

आया मैं तो कुम्भ में कि, पाप कुछ कटायेंगे,
संगत में साधुओं के, पल दो बितायेंगे ।

पूजा और ध्यान संग, मन भी तो शुद्ध होवे,
संगम के तट पर, डुबकी लगायेंगे ।

भीड़-भाड़ मेला-ठेला, गिर पड़ीं बूढ़ी माता,
फौरन उठाया सोचा, पुण्य ही कमायेंगे ।

माता जी भी खुश हुईं, बोल पड़ी धन्य-धन्य,
मुझे जो उठाया- तुझे प्रभु जी उठायेंगे ||

पिछला पोस्ट : हास्य घनाक्षरी - 1 / गणेश जी बागी

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Comment

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 23, 2013 at 6:13pm

इसका अर्थ मैंने ये समझा है आदरणीय बागी जी -

वृद्ध असहाय जनो  की, मदद करे यदि आप,

फल इससे दुगुना मिले,बिना करे ही जाप |

बिना करे ही जाप, पुण्य काम किया तुमने 

माता दे आशीष,   प्रभु भला किया इसने  

होवे न रक्त चाप,  हो ना  यह जल्दी क्रुद्ध

हो न इसे संताप,  बने न असहाय अरु वृद्ध |

सुन्दर काका शैली के हास्य, किन्तु मेरी समझ में गहरे उपरोक्त भाव, हार्दिक बधाई  

Comment by डा॰ सुरेन्द्र कुमार वर्मा on April 23, 2013 at 12:49pm

धन्यवाद बागीजी, काकाजी की स्मृति करवा दी 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on February 12, 2013 at 11:11am

कहाँ तक उठाएंगे. प्रभु जी. 

जय हो सर जी 

बधाई. 

रचना पसंद आई 

Comment by Dr.Ajay Khare on February 8, 2013 at 11:38am

bagi ji sunder prasang hasne ko majboor hua badhai

Comment by MAHIMA SHREE on February 7, 2013 at 10:52pm

माता जी भी खुश हुईं, बोल पड़ी धन्य-धन्य,
मुझे जो उठाया- तुझे प्रभु जी उठायेंगे.......

बहुत खूब...... :)) 

हास्य घनाक्षरी के लिए आपको बधाई आदरणीय बागी जी


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 10:03pm

उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार प्रिय संदीप द्विवेदी जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 10:02pm

आपको रचना अच्छी लगी, बहुत बहुत आभार प्रिय संदीप भाई |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 10:01pm

सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी |


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 7, 2013 at 10:00pm

आशीर्वाद हेतु आभार आदरणीय विजय निकोर साहब |

Comment by विवेक मिश्र on February 7, 2013 at 8:34pm

हा हा हा हा.. अगली बार से बूढ़ी अम्मा को ज़रा सोच-समझ के उठाइएगा. :)
सफल हास्य घनाक्षरी की प्रस्तुति हेतु बधाई.

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