For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चलिये शाश्वत गंगा की खोज करें- तृतीय खंड (2)

तृतीय  खंड 

पाठक के लिए: 

हमारे काव्य नायक 'ज्ञानी' की पर्वचन  श्रृंखला  जारी है। ज्ञानी का लक्ष्य मानवीय अनुभूति से उपजे ज्ञान को जन मानस तक पहुँचाना। प्रस्तुत खंड में वह गंगा उत्पुति की कथा बयान कर रहा है। गंगा की उत्पुति विष्णु हृदय से मानी जाती है। वह विष्णु हृदय क्या है - ज्ञानी इस की विवेचना के लिए प्रयतन रत है।
प्रस्तुत कथा और इस का ऐसा पठन शायद किसी और ग्रन्थ में न उपलब्ध हो इस लिए पाठक से निवेदन  है  कि वह इस में समानांतर धार्मिक कथा की खोज न करे। प्रस्तुत कथा केवल ज्ञानी की अपनी आत्मानुभूति है  .... (डॉ स्वर्ण जे ओमकार 

ज्ञानी का तीसरा प्रवचन (2)

मन ने माना ‘मैं’ को इकाई
चेतना ने कहा नहीं
‘मैं’ है पूर्ण सच्चाई
मन ने माना ‘मैं’ है एक खण्ड
चेतना ने कहा नहीं
‘मैं’ है ‘ब्रहमण्ड’

गतांक से आगे...


2
चेतना और मन के बीच झूलता रहता है मानव
लेकिन आश्चर्य की खिड़कियां खेालता रहता है मानव
‘ब्रहमण्ड’ के रहस्य खोजता रहता है मानव
‘ब्रहमण्ड’ के रहस्य खोलता रहता है मानव

उसकी चेतना से उपजा है ‘विद्’
‘जानना’ चेतना का स्वभाव
‘विद’ से उपजीं स्मस्त विद्यायें
और विद्या से बना स्मस्त ज्ञान
ज्ञान व स्मृति ने बनाई बुद्धि
बुद्धि ने बनाया विवेकवान

ज्ञान ने जब किया विस्तार
बनाये वेदों के संग्रह
वेद जो कभी न स्माप्त होते
वेदों का कभी अंत न होता

नवयुग की जो महाविद्याएं
भौतिकी, रसायण या जैविक शाष्त्र
सब में वेदों का विस्तार
सब का हैं वेद आधार

ज्ञान ने बनाया मानव को विद्वान
जैसे जैसे ज्ञान बढ़ा तो
उसी ज्ञान ने किया हैरान
मानव बना खोजी महान्
सब से अलग बुद्धिमान


मानव ने खोजा कि
‘ब्रहमण्ड’ का जो संपूर्ण सत्य है
‘ब्रहमण्ड’ का है वह सूक्ष्म कण
ऐटम कहो या मालिक्यूल
अणु है ब्रहमण्ड का मूल

‘ब्रहमण्ड’ का जो छोटा अणु
वही है प्रकृति का रहस्य
वही है प्रकृति का सत्य
मानव ने उसे कहा विश्व का अणु
नाम दिया ‘विष्णु’

(शेष बाकी)

Views: 753

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on April 5, 2013 at 9:47pm

बहुत सुंदर ।आपकी वैचारिक कल्पना के लिए बधाई |

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 5, 2013 at 9:03pm

सुन्दर परिकल्पनाएं.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 5, 2013 at 7:35pm

खोजी मानव ने खोजा है ब्रह्मांड का सत्य, खोज, अनुसंधान, आविष्कार निरंतर जारी है, पहले से है आगे भी रहने है | किन्तु 

जैस आपने कहा-नवयुग की जो महाविद्याएं,भौतिकी, रसायण या जैविक शाष्त्र
सब में वेदों का विस्तार, सब का हैं वेद आधार- तो वेदों के रचयिता को हम क्या माने, इस प्रकृति में सब 

कुछ किसी न किसी आधार पर, किसी नियता या रचयिता पर, या खे सुक्ष्तम अणु पर टिकी है | अणु तो 

विष्णु या नारायण समझे यह मानव की कल्पना ही तो है | आपकी वैचारिक कल्पना के लिए बधाई |

Comment by राजेश 'मृदु' on April 5, 2013 at 6:27pm

बहुत सुंदर । विष्‍णु का अर्थ मैंनें पहली बार जाना जिसके लिए आपका आभार । जरा हट के एक जिज्ञासा कि क्‍या अणु और मालीक्‍यूल अलग नहीं हैं । बहुत दिन हो गए विज्ञान पढ़े इसलिए गडबड़ा रहा हूं । दूसरे,मानव अणु से भी आगे जा चुका है, विज्ञान की पृष्‍ठभूमि वाले इसे जानते हैं, सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service