For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये साफ़ नहीं है कोरोना कितनी ज़ालिम बीमारी है( ८७ )

एक नज़्म-कोरोना

.

ये साफ़ नहीं है कोरोना कितनी ज़ालिम बीमारी है

मालूम नहीं है दुनिया को ये किसकी कार-गुज़ारी है

**

कुछ लोग अज़ाब इसे कहते कुछ कहते कि महामारी है

आसेब हक़ीक़त में अब ये सारी दुनिया पर भारी है

**

हल्के में मत लेना इसको ये रोग शरर भी शोला भी

बच्चों बुड्ढों की ख़ातिर यह क़ुदरत की आतिश-बारी है

**

हैरान परेशां कर डाला दुनिया के लोगों को इसने

घर को ज़िन्दान बनाना अब हर इंसां की लाचारी है

**

सच में तो लगता है इसको ख़ुद रब ने भेजा धरती पर

चुपचाप ख़ुदा ने कर ली क्या अब महशर की तैयारी है

**

परवान चढ़े हर दिन दुगुना ये रोग ज़माने में पैहम

मालूम नहीं कल मरने की दुनिया में किसकी बारी है

**

कोरोना फ़र्क़ नहीं करता दौलतमंद और ग़रीबों में

दुनिया के हर मज़हब वालों पे क़ह्र मुसल्सल तारी है

**

जनता कोसे सरकारों को सरकारें कोसे जनता को

अब आग बुझाना समझो तो दोनों की ज़िम्मे-दारी है

**

हम जीतेंगे हर बाज़ी को घुटने न 'तुरंत' कभी टेके

यलग़ार हमारा दुश्मन पर हर सिम्त अभी तक जारी है

**

गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी |

Views: 455

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on April 23, 2020 at 3:44pm

आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'  जी , रचना पर आपकी  उपस्थिति एवं सराहना से गौरवान्वित हुआ , सादर आभार | 

Comment by नाथ सोनांचली on April 23, 2020 at 2:05pm

आद0 जिधर सिंह गहलोत जी सादर अभिवादन। कोरोना महामारी पर बेहद उत्तम और मनोहारी रचना प्रस्तुत की। सच है कि किसी को सहीह सहीह कुछ भी नहीं मालूम कि यह महामारी कहा से आयी। बधाई स्वीकारें। सादर

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on April 22, 2020 at 3:45pm

जनाब अमीरुद्दीन खा़न "अमीर "  साहेब , आपकी   पुरखुलूस  हौसला  अफ़ज़ाई  का  दिल  से  शुक्रग़ुज़ार  हूँ . नवाज़िश

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on April 22, 2020 at 2:44pm

आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत जी, आदाब।

बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने, हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on April 20, 2020 at 8:51pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी , उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभार 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 20, 2020 at 4:38pm

आ. भाई गिरधारी सिंह जी, सादर अभिवादन । वर्तमान परिप्रेक्ष में बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई स्वीकारें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Sunday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service