एक नज़्म-कोरोना
.
ये साफ़ नहीं है कोरोना कितनी ज़ालिम बीमारी है
मालूम नहीं है दुनिया को ये किसकी कार-गुज़ारी है
**
कुछ लोग अज़ाब इसे कहते कुछ कहते कि महामारी है
आसेब हक़ीक़त में अब ये सारी दुनिया पर भारी है
**
हल्के में मत लेना इसको ये रोग शरर भी शोला भी
बच्चों बुड्ढों की ख़ातिर यह क़ुदरत की आतिश-बारी है
**
हैरान परेशां कर डाला दुनिया के लोगों को इसने
घर को ज़िन्दान बनाना अब हर इंसां की लाचारी है
**
सच में तो लगता है इसको ख़ुद रब ने भेजा धरती पर
चुपचाप ख़ुदा ने कर ली क्या अब महशर की तैयारी है
**
परवान चढ़े हर दिन दुगुना ये रोग ज़माने में पैहम
मालूम नहीं कल मरने की दुनिया में किसकी बारी है
**
कोरोना फ़र्क़ नहीं करता दौलतमंद और ग़रीबों में
दुनिया के हर मज़हब वालों पे क़ह्र मुसल्सल तारी है
**
जनता कोसे सरकारों को सरकारें कोसे जनता को
अब आग बुझाना समझो तो दोनों की ज़िम्मे-दारी है
**
हम जीतेंगे हर बाज़ी को घुटने न 'तुरंत' कभी टेके
यलग़ार हमारा दुश्मन पर हर सिम्त अभी तक जारी है
**
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी |
Comment
आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी , रचना पर आपकी उपस्थिति एवं सराहना से गौरवान्वित हुआ , सादर आभार |
आद0 जिधर सिंह गहलोत जी सादर अभिवादन। कोरोना महामारी पर बेहद उत्तम और मनोहारी रचना प्रस्तुत की। सच है कि किसी को सहीह सहीह कुछ भी नहीं मालूम कि यह महामारी कहा से आयी। बधाई स्वीकारें। सादर
जनाब अमीरुद्दीन खा़न "अमीर " साहेब , आपकी पुरखुलूस हौसला अफ़ज़ाई का दिल से शुक्रग़ुज़ार हूँ . नवाज़िश
आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत जी, आदाब।
बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने, हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।
आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी , उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभार
आ. भाई गिरधारी सिंह जी, सादर अभिवादन । वर्तमान परिप्रेक्ष में बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई स्वीकारें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online