For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल -पुराने गाँव की अब भी कहानी याद है हमको

था सब आँखों में मर्यादा का पानी याद है हमको
पुराने गाँव की अब भी कहानी याद है हमको।

भले खपरैल छप्पर बाँस का घर था हमारा पर
वहीं पर थी सुखों की राजधानी याद है हमको

वो भूके रहके ख़ुद महमान को खाना खिलाते थे
ग़रीबों के घरों की मेज़बानी याद है हमको

हमारे गाँव की बैठक में क़िस्सा गो सुनाता था
वही हामिद के चिमटे की कहानी याद है हमको

सलोना और मनभावन शरारत से भरा बचपन
अभी तक मस्त अल्हड़ ज़िंदगानी याद है हमको

हमें सोने से पहले रात को अम्मा बताती थी
कि रहती चाँद पर इक बूढ़ी नानी, याद है हमको

सितारों की लिए बारात सज के चाँद आता जब
महकती गाँव की वो रात रानी याद है हमको

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 892

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on July 14, 2020 at 9:49am

आद0 बसन्त कुमार शर्मा जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और प्रतिक्रिया का दिल से आभार

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 13, 2020 at 9:30pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी सादर नमस्कार , लाजबाब मन मुग्ध करने वाली ग़ज़ल के लिए बधाई आपको 

महकती गाँव की वो रात रानी याद है हमको

Comment by नाथ सोनांचली on July 13, 2020 at 7:02pm

आद0 अमीरुद्दीन 'अमीर' जी सादर अभिवादन। आपकी दाद मिली। ग़ज़ल पुरस्कृत हो गयी। बहुत बहुत आभार आपका

Comment by नाथ सोनांचली on July 13, 2020 at 7:01pm

आद0 रवि भसीन 'शाहिद' जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल आप तक पहुँची, कहना सार्थक हुआ। आभार आपका।

Comment by नाथ सोनांचली on July 13, 2020 at 7:00pm

आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर उपस्थिति और दाद के लिए शुक्रियः

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on July 13, 2020 at 6:55pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहिब आदाब, इस ख़ूबसूरत और प्यारी ग़ज़ल पर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ । सादर ।

Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on July 13, 2020 at 12:32am

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहिब, वाह वाह! सात अशआर में आपने गुज़रे हुए ज़माने की, बचपन की, और गाँव की सैर करा दी। इस सुन्दर ग़ज़ल पर दाद और बधाई स्वीकार करें।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 12, 2020 at 9:05pm

आ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर अभिवादन । उत्तम गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by नाथ सोनांचली on July 12, 2020 at 1:02pm

आद0 तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन,

ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और प्रतिक्रिया का हृदयतल से अभिनन्दन और आभार। सादर

Comment by नाथ सोनांचली on July 12, 2020 at 1:01pm

आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवादन,

आपकी आत्मीय प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक है। आभार निवेदित करता हूँ। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service