For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हमने तो देखा बीज न खेतों में डालकर -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

२२१/२१२१/१२२१/२१२


शीशा भी लाया आज वो लोहे में ढालकर
बोलो करोगे आप  क्या पत्थर उछाल कर।१।
*
जिन्दा ही दफ्न सत्य जो कल था किया गया
लानत समय  ने  आज  दी  मुर्दा  निकालकर।२।
*
वो बिक  गयी  है  वस्तु  सी  बेहाल भूख से
अब क्या रखोगे बोलिए उस को सँभालकर।३।
*
केवल किसान  जानता  मौसम की मार को
हम ने तो  देखा  बीज  न  खेतों  में डालकर।४।
*
रोटी का मोल  जानते  बचपन  से ही बहुत
माँ ने  खिलाया  खूब  है  पानी  उबालकर।५।
*
काँटों को रखता तेज है उनका स्वभाव ही
तीखे किये वो किसने भला छील छालकर।६।

मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

Views: 830

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Chetan Prakash on July 31, 2021 at 10:41pm

तरमीम ,  पढ़ें, कृपया  !

Comment by Chetan Prakash on July 31, 2021 at 10:39pm

 पुनश्च,  और, एक  बात, , पाँचवे शे'र का सानी शाब्दिक  तमीम चाहता है । वस्तुत: 'खिलाया ' के स्थान पर पिलाया  होना चाहिए , बंधुवर  !

Comment by Chetan Prakash on July 31, 2021 at 10:32pm

आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,   ! मतला, आप फिर  देखिए,  मुझे रब्त  का अभाव  लगा  ! सादर 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 31, 2021 at 10:12pm

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति स्नेह  और उत्साहवर्धन केलिए आभार।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 31, 2021 at 6:12pm

बेहतरीन ग़ज़ल । हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी । 

रोटी का मोल  जानते  बचपन  से ही बहुत
माँ ने  खिलाया  खूब  है  पानी  उबालकर।५।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service