चाँद -चाँदनी पर दोहावली ......
देख रहा है चाँदनी , आसमान से चाँद ।
मिलने आया झील में , नीले नभ को फाँद।1।
देख चाँद को चाँदनी ,करे झील पर रक्स ।
सिमट गया है चाँद का, उजियारी में अक्स ।2।
चाँद फलक का ख़्वाब तो, धवल चाँदनी नूर ।
वीचि -वीचि क्रीड़ा करे, सोम प्रीत में चूर ।3।
विभा चाँद की देखती, तारों वाली रात ।
नील झील से कौमुदी, करे चाँद से बात ।4।
छुप-छुप देखे चंद्रिका, अपने विधु का रूप ।
बिम्ब चाँद का चाँदनी, जल में मीठी धूप ।5।
सुशील सरना / 3-9-21
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय सरना जी अच्छे दोहे हुए...हार्दिक बधाई
जनाब सुशील सरना जी आदाब, दोहों का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।
'देख चाँद को चाँदनी ,करे झील पर रक्स ।
सिमट गया है चाँद का, उजियारी में अक्स'
इस दोहे में 'रक़्स' और 'अक्स' की तुकांतता दुरुस्त नहीं है, क्योंकि 'रक़्स' शब्द में 'क' के नीचे नुक़्ता लगता है ,देखियेगा ।
आदाब, सुशील सरना जी, दोहावली आपका अच्छा प्रयास कहा जाएगा! किन्तु कुछ शब्दों का प्रयोग सही नहीं जान प़ड़ा, यथा 'रक्स' जिसे रश्क़ होना चाहिए! साथ ही 'वीचि वीचि' जैसा शब्द-यु्म मैंने पहली बार प्रयुक्त हुआ देखा, आशय आप ही, माननीय बेहतर समझते होंगे! संदर्भ में ' तड़प- तड़प' श्रेयस्कर जान पड़ता है, देखिएगा!
वीचि'
आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर विषयगत दोहे हुए है। हार्दिक बधाई।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online