For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शुक्ल पंचमी माघ  की,  लायी  यह संदेश
सजधज साथ बसंत के, बदलेगा परिवेश।।
*
कुहरे  की  चादर  हटा, लगी  निखरने  धूप
दुल्हन जैसा खिल रहा, अब धरती का रूप।।
*
डाल नये परिधान अब, दिखे नयी हर डाल
हर्षित इस से सज  रही, भँवरों  की चौपाल।।
*
तरुण हुईं हैं डालियाँ, कोंपल हुई किशोर
उपवन में उल्लास  है, अब  तो चारो ओर।।
*
गुनगुन भँवरों  ने  कहे, स्नेह  भरे जब बोल
मार ठहाका हँस पड़ी, कलियाँ घूँघट खोल।।
*
नहीं  उदासी  से  भरा, शेष  एक  भी  ठौर
हर उपवन में चल पड़ा, फिर उत्सव का दौर।।
*
वीणा  सरगम  छेड़  दो, वागीशा  वरदान
सदा रहे ऋतुराज सी, हर जीवन की शान।।
*
मौलिक अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

Views: 735

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 16, 2022 at 12:00pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति, स्नेह एवं टंकणत्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए आभार।

Comment by Samar kabeer on February 15, 2022 at 3:08pm

जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, वसंत पर अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।

'मार ठहाका हँस पड़ी, कलियाँ घूँघट खोल'

इस पंक्ति में 'कलियाँ' बहुवचन है इसलिए 'पड़ी' को "पड़ीं" करना उचित होगा ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 13, 2022 at 11:29pm

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन । दोहों पर आपकी उपस्थिति और स्वीकार्यता से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए हार्दिक आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 12, 2022 at 1:43pm

आ. भाई अमीरुद्दीन जी , सादर अभिवादन।.दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 12, 2022 at 1:42pm

आ. भाई चेतन जी , सादर अभिवादन।.दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Chetan Prakash on February 7, 2022 at 4:52pm

बहुत  सुंदर  वासंतिक  दोहे, रचे ,आप ने , भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब  । हाँ,  बधाई  !

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on February 6, 2022 at 10:58am

बहुत ही ख़ूबसूरत।

वसंत के आगमन का अद्भुत और अद्वितीय चित्रण और स्वागत।

हर एक दोहा लाजवाब और शानदार ! इस जानदार प्रस्तुति पर बधाई दर बधाई स्वीकार करें आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 6, 2022 at 8:50am

बसंत बगरायो है.. 

बढिया दोहों पर बारम्बार बधाई कह रहा हूँ, आदरणीय

निम्नलिखित दोहे की प्रौढ़ता विशेष रूप से ध्यानाकृष्ट कर रही है.. 

 

गुनगुन भँवरों  ने  कहे, स्नेह  भरे जब बोल
मार ठहाका हँस पड़ी, कलियाँ घूँघट खोल।।

वाह वाह वाह !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service