For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फैला आँचल है बहुत, लेकिन चोली तंग।
धरा  देश  की  देखिए, लिए  अनोखे रंग।।
*
भरें अनोखे रंग नित, जीवन में त्योहार।
तभी सनातन धर्म में, है इनकी भरमार।।
*
बहना, माता, सहचरी, बंधु , तात आधार।
भरे अनोखे रंग नित, मीत रूप में प्यार।।
*
बचपन यौवन वृद्धता, चलते संग कुसंग।
नित  जीवन  देता  रहा, हमें  अनोखे रंग।।
*
बड़े अनोखे  रंग  यूँ, रखती धरती पास।
पानी पानी है कहीं, कहीं सिर्फ है प्यास।।
*
विविध अनोखे रंग की, मौसम मौसम धार।
धरती हँसे  वसन्त  में, ग्रीष्म  जले हर बार।।
*
पतझड़, पावस ग्रीष्म सह, चुरा शीत से मीत।
पोत  अनोखे  रंग  अब,  फागुन  गाता  गीत।।
*
सतरंगी सपने हुए, यौवन लिया उभार।
रंग अनोखे प्रीत के, होली का उपहार।।
*
बचपन बीता खेलते, सखी सहेली संग।
चढ़ते योवन दे गया, पिया अनोखे रंग।।
*
कहीं छाँव ही छाँव है, कहीं धूप ही धूप।
सजा अनोखे रंग  से, धरा  चली है रूप।।
*
रोने हँसने क्रोध सह, सुख दुख जोश उमंग।
हर  जीवन  घुलते  रहे,  सदा  अनोखे  रंग।।

//
मौलिक/अप्रकाशित-
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

Views: 352

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 19, 2022 at 8:03am

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन व स्नेहाशीष के लिए हार्दिक आभार। 

आपकी सतत उत्साहवर्धक व मार्गदर्शक प्रतिक्रिया निरंतर प्रयास को प्रेरित करती हैं । यह आशीष सदा बना रहे यही कामना है । सादर..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 17, 2022 at 10:32pm

आपके फागुनी दोहे बहुत कुछ कहते हुए भी कितने शिष्ट और संयत हैं, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! वाह-वाह.. 

प्रस्तुत दोहे का वैशिष्ट्य निस्संदेह मोहक है. 

//भरें अनोखे रंग नित, जीवन में त्योहार।
तभी सनातन धर्म में, है इनकी भरमार //

शुभातिशुभ .. होली की शुभकामनाएँ

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 16, 2022 at 11:00pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति व प्रशंसा से उत्साहवर्धन हुआ। हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Sushil Sarna on March 15, 2022 at 2:03pm
वाह आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत सुंदर और सार्थक दोहावली हुई है, दिल से बधाई स्वीकार करें सर ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
8 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र पर आपने सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं.…"
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार दोनों ही कुण्डलिया छंद आपने सुन्दर रचे हैं.…"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय हरिओम भाईजी सुंदर सार्थक तीन छंदों के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। गली …"
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"सिखलाया जाए अगर, बचपन से ही योग। तो  जीवनभर  व्यक्ति  से, दूर  रहेंगे …"
9 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रानुकूल बहुत सुन्दर और सार्थक छंद सृजन के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service