For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कहता हूँ तुझसे जन्मों का नाता है ओबीओ

गजल
221/2121/1221/212

*
लेखन का खूब गुण जो सिखाता है ओबीओ
कारण यही है सब  को  लुभाता  है ओबीओ।।
*
जुड़कर  हुआ  हूँ  धन्य  निखर  लेखनी गयी
परिवार  जैसा   धर्म   निभाता   है  ओबीओ।।
*
कमियों बता के दूर करें कैसे यह सिखा
लेखक सुगढ़ हमें यूँ बनाता है ओबीओ।।
*
अच्छा स्वयं तो लिखना है औरों को भी सिखा
चाहत ये सब के  मन  में  जगाता  है ओबीओ।।
*
वर्धन हमारा  हौसला  करने  को साथ साथ
बढ़चढ़ के आगे नित्य जो आता है ओबीओ।।
ई*
कब  से  जुड़े  हो  प्रश्न  अगर  पूछ  ले  कोई
कहता हूँ तुझसे जन्मों का नाता है ओबीओ।।
*
रखते हैं याद जन्म दिवस हम भी इसलिए
माता का धर्म जब यूँ निभाता है ओबीओ।।
*
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

Views: 1963

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 8, 2022 at 9:44am

"आ. प्राची बहन , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 8, 2022 at 9:42am

आ. भाई पंकज जी , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 8, 2022 at 2:07am

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओबीओ को एक शानदार ग़ज़ल से आपने जन्म दिन की मुबारकबाद दी है। बहुत खूब। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आपको। सादर।

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 7, 2022 at 5:27pm

आदरणीय लक्ष्मण सर, अच्छी ग़ज़ल हुई है....साधुवाद

Comment by Samar kabeer on April 6, 2022 at 2:29pm

जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, ओबीओ के जन्म दिन पर अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें I 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 6, 2022 at 1:21pm

अहा अहा 

ओबीओ की प्राण ऊर्जा को शब्दबद्ध कर दिया प्रिय लक्ष्मण भाई जी 

हर शेर बहुत खूबसूरत हुआ है 

बहुत बधाई 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 5, 2022 at 11:35pm

कृपया तीसरे शेर में कमियों के स्थान पर कमियाँ पढ़ें। सादर..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
18 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service