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श्राद्ध पक्ष के कुछ दोहे. . . .

श्राद्ध पक्ष के कुछ दोहे. . . . .

घर- घर पूजे श्राद्ध में, पितरों को संतान ।
श्रद्धा पूरित भाव से, उनको दे सम्मान ।।

श्राद्ध सनातन रीत है, श्राद्ध पितर सम्मान ।
सच्चे मन से मानिए, श्राद्ध शास्त्र विधान ।।

श्राद्ध पक्ष में पूजती, पुरखों को सन्तान ।
श्रद्धा से तर्पण करें, उनका कर के ध्यान ।।

श्राद्ध पक्ष विचरण करें , पितर धरा के पास।
आकर दें आशीष वो , ऐसा है विश्वास ।।

जीते जी माँ बाप का, सदा करो सम्मान ।
जा कर मिलते श्राद्ध में, मात-पिता भगवान ।।

सुशील सरना / 19-9-22
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by Sushil Sarna on September 26, 2022 at 2:05pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर
Comment by Sushil Sarna on September 26, 2022 at 2:04pm
आदरणीय समर कबीर जी आदाब, सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 22, 2022 at 8:45pm

आ. भाई सुशील जी, सुन्दर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on September 21, 2022 at 4:15pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें I 

Comment by Sushil Sarna on September 20, 2022 at 9:51pm
परम आदरणीय अशोक रक्ताले जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय जी ।सादर नमन सर
Comment by Ashok Kumar Raktale on September 20, 2022 at 7:28pm

आदरणीय सुशील सरना साहब श्राद-पक्ष के निमित्त आपने माता-पिता का जीवनकाल में ध्यान रखने की अच्छी सीख दी है. इस सुंदर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर नमन.

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