For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जन लोकपाल लिए मन माहि ,

जन लोकपाल लिए मन माहीं ,

अन्ना बोले जन सन्मुख जाहीं ,
साथ किरण बेदी आई ऐसे , 
राम काज लगी हनुमत जैसे ,
कपिल आये रूप धरि रावण ,
चाहैं  कार्य बिगारन पावन ,
जन समर्थन अन्ना जो पाये ,
तबहिं बिरोधि हुडदंग मचाये ,
मांग भई अस संसद बिरोधी ,
आयें प्रधान देख गतिरोधी ,
संसद कुछ जनहित में सोचा ,
हिंद की जनता का सिर ऊँचा" ­ ,
  

 

Views: 632

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by satish mapatpuri on September 3, 2011 at 12:13am
संसद कुछ जनहित में सोचा ,
हिंद की जनता का सिर ऊँचा"

जनता का सर आपने ऊँचा कर दिया गुरूजी .................. जय हो.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 2, 2011 at 9:37pm

जय हिंद गुरु जी, इसबार शानदार अभिव्यक्ति , बधाई स्वीकार करें |

Comment by Rash Bihari Ravi on September 2, 2011 at 4:55pm

saurabh bhaiya ye nayi baat nahi hai jab bhi kisi sarkar ko jana hota hain tab utpat machati hain


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 2, 2011 at 4:39pm

आपके विचारों से लोकतंत्र की ’बू’ आ रही है..!!!!   ....  हा हाहा 

सभी अन्ना-अन्ना वालों पर गाज़ गिर रही है अब.. सुना न?  .. :-)))))

Comment by Rash Bihari Ravi on September 2, 2011 at 4:25pm

dhanyaba sangeeta ji , vinas ji, awam deepak ji

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on September 2, 2011 at 3:54pm

RAVI JI

VEHATAREEN RACHANA

 

Comment by वीनस केसरी on September 2, 2011 at 3:47pm

सुन्दर अभिवयक्ति

Comment by sangeeta swarup on September 2, 2011 at 3:45pm

बहुत बढ़िया ... जनता का सिर तो ऊँचा हो गया ..लेकिन क्या सरकार सच ही गंभीर है ? कहीं यह धोखा तो नहीं .. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service