For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हे शिकायत है

इस गहरे अँधेरे से ,

पर क्या तुमने कोशिश की

एक दिया जलाने की ?

या मेरे हाथों से हाथ मिलाकर

बनाया कोई सुरक्षा घेरा

कुछ जलते दीयों को

हवा से बचाने के लिए ?

 

नही न ?

 

कोई बात नहीं !

अभी सूखा नही है

समय का फूल !

 

चलो ढूँढे !

समंदर में डूबे सूरज को ,

इकठ्ठा करें

एक मुट्ठी धूप ,

उछाल दें पर्वतों पर ,

घाटियों में भी !

खिला दें

मुरझाते फूलों को !

 

कुछ तो पिघले ,

गुलाब की पंखुड़ियों पर जमी

ओस की बूंदें !

और पहुंचे

नर्म नंगी दूब तक !

 

वो दर्द

जो ठंडी हवाओं ने बढ़ा दिया है

कुछ तो कम हो !

 

 

 

 

..................................... अरुन श्री !

Views: 982

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नादिर ख़ान on November 6, 2012 at 4:08pm

कुछ तो पिघले ,

गुलाब की पंखुड़ियों पर जमी

ओस की बूंदें !

और पहुंचे

नर्म नंगी दूब तक !

 

वो दर्द

जो ठंडी हवाओं ने बढ़ा दिया है

कुछ तो कम हो !

अरुण जी, बहुत ही उम्दा भाव सुंदर रचना ।

Comment by Brij bhushan choubey on January 25, 2012 at 2:27pm

महीने के सर्वश्रेष्ठ रचना  हेतु बहुत बहुत बधाई आपको .....वाकई काफी खुबसूरत रचना है |

Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on January 24, 2012 at 10:43pm

bahut hi satik prashn uthati kavita .....sadhuvad 

Comment by राज लाली बटाला on January 23, 2012 at 9:41pm

महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना का पुरस्कार हेतु हार्दिक बधाई  स्वीकारें ...:)  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 19, 2012 at 12:57pm

bahut sundar kavita likhi hai bahut pasand aai.badhaai.

Comment by Shanno Aggarwal on January 8, 2012 at 2:44am

अरुण जी को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 8, 2012 at 12:40am

’एक मुट्ठी धूप’ को इस मंच पर माह की सर्वश्रेष्ठ रचना चयनित होने पर रचनाकार श्री अरुणजी को मेरी हार्दिक बधाइयाँ. 

Comment by satish mapatpuri on January 8, 2012 at 12:30am
OBO पर महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना का पुरस्कार हेतु कोटिश: बधाई. अरुणजी, मैं भी रामगढ़ प्रखंड के मापतपुर का रहनेवाला हूँ , कलानी गाँव मेरे लिए  पूज्य है ............ क्योंकि, यह मेरे खानदानी कुलगुरुजी का गाँव है. मेरे पिताजी स्व. गुलाब चाँद लाल उस एरिया के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे
Comment by AjAy Kumar Bohat on January 7, 2012 at 1:58pm

बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति है अरुण जी, बधाई स्वीकार करें...

Comment by Arun Sri on January 6, 2012 at 11:55am

धन्यवाद अतेंद्र जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service