ऐसा लगता है की मेरा यों अब गुजरा जमाना है,
बेगाना रुख किये 'साकी'! यहाँ तेरा मैखाना है.
फकीरों को कहाँ यारो कभी मिलता ठिकाना है,
बना था आशियाना, आज जो बिसरा मैखाना है!
कभी अपना बना ले पर कभी बेदर्द ठुकरा दे,
सयाना जाम साकी! और आवारा मैखाना है.
तेरी हर एक हंसी पर ही चहक कर के मचल जाना.
हमेशा हुस्न-ए-जलवो पर जहाँ हारा मैखाना है.
तेरी तस्वीर के बिन ही मै पीने आज बैठा हूँ,
ख़ुशी या गम हो जुर्माना मुझे मारा मैखाना है.
हमेशा ही परोसे जाम हर 'शीशे' में वो भर के,
सरापा पीने के जज्बातों को प्यारा मैखाना है.
छलावे में कभी इन्सान से पाला नहीं पड़ता,
छिपाया है हकीकत से वो एक तारा मैखाना है.
बुढ़ापे में यही बेटों ने 'बस्तीवी' दिया ताना,
जवानी में लुटाया दोस्तों पे सारा मैखाना है.
Comment
Shri Avinash ji, saadar namaskaar. JI bahut bahut shukriya aapki daad ke liye.
बुढ़ापे में यही बेटों ने 'बस्तीवी' दिया ताना,
जवानी में लुटाया दोस्तों पे सारा मैखाना है.
सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकारें राकेश भाई.
राकेश भाई इस ग़ज़ल का ही एक और शेर है जो मुझे आत्ममुग्ध किये रहता है
वो सब कुछ जनता है और फिर भी
अँधेरे को उजाला बोलता है
आप ही का लिखा एक शेर याद दिला रहा हूँ,
वो बस मीठा ही मीठा बोलता है
अब आपने कह दिया छोड़िये, तो ये लीजिये छोड़ दिया हमने. धन्यवाद.
छोडिये भी राकेश भाई इन बातों में क्या रखा है ,,,
आपकी सुन्दर रचना के लिए पुनः बधाई स्वीकारें
सादर
भाई वीनस जी, नमस्कार. मै आपसे ख़ास तौर पर ये जानना चाहूँगा की हुस्न-ए-जलवो, क्या व्याकरण की दृष्टि से सही है, मैं हुस्न के जलवो लिखना chaah रहा था, किन्तु उससे मात्रा बढ़ जाती, अगर कुछ सुधर हो सके तो बताएं. बाकि सभी रचनाओं में आपकी तारीफ से मन बहुत आह्लादित हुआ है. धन्यवाद.
तेरी हर एक हंसी पर ही चहक कर के मचल जाना.
हमेशा हुस्न-ए-जलवो पर जहाँ हारा मैखाना है.
साकी ने तो अच्छे अच्छे को लपेट रखा था आप भी लपेटे में आ गये ?
हा हा हा
रचना की श्रेष्ठता में कोंई दो राय नहीं
बधाई
सादर
भाई आनंद जी, आदरणीय प्रदीप जी एवं शशि जी, मेरा आप लोग की दाद का विनम्र अभिवादन.
भाई आनंद जी: बस्तिवी तो हम उसी दिन थे जब हम वहा पैदा हुए थे :) बाकि मै आपका मतलब समझ गया.
आदरणीय प्रदीप जी: आप यों ही प्रेरित करते रहें एक दिन जरूर अच्छा लिखेंगे.
आदरणीय शशि जी: आप जैसे गुरुजनों एवं अग्र जनो का सानिध्य मिलता रहेगा तो जरूर एक दिन चेला शक्कर हो जायेगा :)
एक बार पुनः हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया.
snehi, rakesh jii. aap ka mison pura hoga. sahi jagah hai aap. badhai.
मान्यवर राकेश जी,
सादर !
पहली बात कि इस मंच पर आपको अपने को तराशने का
बहुत अच्छा मौक़ा है ! परिश्रम सार्थक होता हुआ नजर भी
आ रहा है ! आभार के साथ मेरी हार्दिक शुभकामनायें !
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