सदा आती है ये अक्सर तड़प के मेरे सीने से
Comment
hosla afzai ke liye bahut bahut shuqria ye misra obo par hi diya gaya tha lekin main us waqt obo ka membar nahin tha isliye maine ye ghazal baad mein kahi
वाह साहब वाह .....
यही हसरत है काफिर की तमन्ना है यही वाइज,
जो काशी में कहे या हक सदा आये मदीने से...एक शेर आपके लिए सादर बधाई
सदा आती है ये अक्सर तड़प के मेरे सीने से
मोहब्बत के मुसाफिर को कभी मंजिल नहीं मिलती
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