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आज वह (मानव )
पंचभूत में विलीन हो गया
कुछ भी तो नहीं ले जा सका
सबकुछ
जहाँ का तहां विद्यमान हैं
जब जीवन था
तब उसे फुर्सत था कहाँ ?
न संतुष्टि थी
न खुशिया
नित नए खोज में उलझे
वह प्राणी
भाग रहा था
परन्तु आज सबकुछ
ख़त्म हो गया
खाली हाथ आया था
खाली हाथ ही चला गया l

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Comment

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Comment by Rita Singh 'Sarjana" on May 19, 2012 at 10:52pm

shukriya dr.saahab apki kimti pratikriya hetu .

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on May 18, 2012 at 11:06pm

जीवन के  यथार्थ से रूबरू करती सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई रीता जी ! 

Comment by Rita Singh 'Sarjana" on April 11, 2012 at 6:22pm

mahima ji namaskar , bilkul sach kaha ,pratikriya ke liye abhaar

Comment by Rita Singh 'Sarjana" on April 11, 2012 at 6:20pm

avinash ji namaskar , pratikriya hetu apka bahut-bahut shukriya

Comment by MAHIMA SHREE on April 11, 2012 at 4:07pm
तब उसे फुर्सत था कहाँ ?
न संतुष्टि थी
न खुशिया
नित नए खोज में उलझे
वह प्राणी
भाग रहा था
सर्जना जी नमस्कार ,
जीवन का यही सास्वत सत्य है....बहुत बढ़िया...बधाई स्वीकार करे
Comment by AVINASH S BAGDE on April 11, 2012 at 3:17pm

नित नए खोज में उलझे
वह प्राणी
भाग रहा था
परन्तु आज सबकुछ
ख़त्म हो गया
खाली हाथ आया था
खाली हाथ ही चला गया l..."sarjana"ji...shashwat saty pe sashakt kalam chalai aapane.

Comment by Rita Singh 'Sarjana" on April 7, 2012 at 6:17pm

sandip ji shukriya

Comment by Rita Singh 'Sarjana" on April 7, 2012 at 6:16pm

shukriya dr. sahab,

Comment by Rita Singh 'Sarjana" on April 7, 2012 at 6:15pm

jawahar ji namaskar , pratikriya tatha sujhav hetu abhaar . mujhe achcha laga apne sujhav diya ,shukriya

Comment by Rita Singh 'Sarjana" on April 7, 2012 at 5:59pm

adarniy shri kushwaha ji , namaskar , housla afjai  tatha maargdarshan hetu apkaa bahut -bahut abhar .main ise sudharti hun ,shukriya

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