माधुर्य
(वाणी का माधुर्य)
वाणी का माधुर्य-
देता है जीवन को विस्तार
जहाँ प्रेम है
वहां लेन-देन नहीं है
देना ही देना है
कोई व्यापार नहीं है |
.
मुस्कान
मानव मन का दर्पण
श्रेष्ठता का प्रमाण-पत्र
मन की निर्मलता का-
प्रतिबिम्ब
.
आंखे :
इंसानी भांवो की झलक
चेहरे का भांव
.
दुःख
सुख का साधन
कष्टों की अनुभूति
.
सु:ख
दूर क्षित पर अंकित
असंभव है टंकित
.
जीवन :
कर्मो का प्रतिफल
सु:ख-दुःख का अहसास
भावी आस
.
लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला
Comment
SHAILENDRA KUMAR SINGH 'MRIDU' सरजी,आपका हार्दिक आभार |
आदरणीय लक्ष्मण सर यथार्थ को परिभाषित करती क्षणिकाए... बधाई स्वीकार करें
महिमा श्रीजी, आपका हार्दिक आभार | एक और बात -
कर्मो का प्रतिफल
सु:ख-दुःख का अहसास
भावी आस ...............
आदरणीय लक्ष्मण सर , सादर नमस्कार ,
बेहद सटीक और यथार्थ को परिभाषित करती क्षणिकाए... बधाई स्वीकार करें
श्री पी के सिंह कुशवाहाजी, और वंदना गुप्ताजी,
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