मुफलिसी में दिन बिताने वाले
पी के आंसू, घुड़कियाँ खाने वाले,
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अरुण जी आपका स्वागत मेरे ब्लॉग पर. आपको रचना पसंद आई...आपका आभारी हूँ.
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद योगराज सर.
एक सन्देश परक सार्थक और सशक्त रचना श्री अजीतेंदु जी हार्दिक बधाई !!
सुंदर अभिव्यक्ति. बधाई स्वीकारें कुमार गौरव जी
सौरभ पाण्डेय जी
कुमार गौरवजी, आपकी कोई पहली रचना देख रहा हूँ. प्रस्तुत रचना ’शोषित है तू..’ अपनी साफ़गोई और अपने तेवर के कारण जैसे सीधे उतरती चली जाती है. मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें, विशेषकर इन पंक्तियों के लिये -
आदरणीय मुकेश कुमार जी
महिमा जी सादर !
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