For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं एक जिस्म हूँ
सिर्फ 
एक ठंडा जिस्म
और मेरा
ठंडा बेजान जिस्म
पड़ा है लावारिस
कई जगहों पर
रास्तों में, फुटपाथ पर, कूड़े के ढेर पर,
बसों में, रेलवे-प्लेटफार्म पर 
लोगों की ठोकरों में,
पैरों में आता हुआ
या फिर
मिल जाउंगी सुलगती..
ऐश-ट्रे में
जो सजी है मेज पर
और ... मेज
घर की हो
या
होटल की
क्या फर्क पड़ता है....

~ © AjAy Kum@r 

Views: 459

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AjAy Kumar Bohat on May 13, 2012 at 7:02pm

मेरे सभी ज्ञानी मित्रों का शुक्रिया, मैं हृदये सा आभारी हूँ

Comment by Abhinav Arun on May 13, 2012 at 6:56pm

सच है सिगरेट और उसे पीने वाले का हश्र बुरा ही होता है अच्छी रचना हार्दिक साधुवाद श्री अजय जी

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 13, 2012 at 3:11pm

phool ho cigrete hashr dono ka ek 

apna jivan swyam chalte karte fareb 

badhai. 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 13, 2012 at 1:05pm

बुरे लोगो को अच्छे लोगो के मुंह नहीं लगना चाहिए, वरना सिगरेट की हस्र तो हमें पता ही है , खुबसूरत रचना अजय जी, बधाई हो |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 13, 2012 at 12:19pm
जो सजी है मेज पर
और ... मेज
घर की हो
या
होटल की
क्या फर्क पड़ता है....अच्छी पंक्तियाँ सबका अपना -अपना वजूद है यहाँ और अपना अपना भाग्य 
Comment by Bhawesh Rajpal on May 13, 2012 at 9:02am

 

अजय जी  !  कोई सार्थक सन्देश  ? 
Comment by MAHIMA SHREE on May 12, 2012 at 9:00pm
जो सजी है मेज पर
और ... मेज
घर की हो
या
होटल की
क्या फर्क पड़ता है....

बहुत ही गहरा ...बधाई आपको

Comment by Nilansh on May 12, 2012 at 8:51pm

bahut sunder ajay ji

 मेज

घर की हो
या
होटल की
क्या फर्क पड़ता है....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
4 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
12 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
13 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service