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दोषारोपण
 
नन्हा
अबोध बाल मन,
साफ़ आइना
जिसमे बनते बिगड़ते हैं
नित नए बिम्ब
दुनिया के हर स्वरुप के.....
ज्ञानेन्द्रियों से सोख
निर्भेद हर ज्ञान अज्ञान,
बढ़ाता है
नन्हे कदम
नित नए प्रयोगों के लिए...
और
नन्हे हाथ
समेट लेने को पूरा नव्य संसार...
आखिर
क्यों हो जाता है
कभी-कभी अपाहिज
आत्म-विश्वास हीनता से...?
और
हो जाता है मजबूर
ढूँढने को बैसाखियाँ
शुरुवाती क़दमों से...?
फिर
डांट, आलोचना,
उपेक्षा, तुलना
के वार,
करते जाते हैं उसे और घायल
हर बार,
....................और वो
जिन्हें
संवारना था
निखारना था
एक व्यक्तित्व,
करते रह जाते हैं
दोषारोपण
परिस्थितियों पर !!!!!!!!!!

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 28, 2012 at 10:39am
 इस रचना को पढने व पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार उमाशंकर मिश्रा जी.
Comment by UMASHANKER MISHRA on May 28, 2012 at 12:34am

बहुत बढ़िया व्यंगमय रचना


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 24, 2012 at 11:38am

इस कृति को सराहने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय गणेश बागी जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 24, 2012 at 11:37am
हार्दिक आभार अशोक कुमार जी, योगी सारस्वत जी

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 23, 2012 at 7:48pm

बहुत ही रुचिकर रचना डॉ साहिबा, खुली कविता को आपने बढ़िया निभाई है, बधाई आपको |

Comment by Yogi Saraswat on May 19, 2012 at 4:12pm
नित नए प्रयोगों के लिए...
और
नन्हे हाथ
समेट लेने को पूरा नव्य संसार...
आखिर
क्यों हो जाता है
कभी-कभी अपाहिज
आत्म-विश्वास हीनता से...?
और
हो जाता है मजबूर
ढूँढने को बैसाखियाँ
शुरुवाती क़दमों से...?
फिर
पता नहीं क्यों डॉ. प्राची , मैंने कई बार इस रचना पर अपने विचार दिए किन्तु एक भी दिख नहीं रहा है ! बहुत खूब पंक्तियाँ !
Comment by Ashok Kumar Raktale on May 18, 2012 at 7:31pm

डॉ. प्राची
        सादर, बुरी शक्तियों को हतोत्साहित करती सुन्दर रचना. बधाई.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 18, 2012 at 9:29am
हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 18, 2012 at 9:29am
हार्दिक आभार अजय कुमार बोहाट जी  

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 17, 2012 at 9:45pm

सही कहा.. .

मंथन हेतु सटीक विन्दु.

कृपया ध्यान दे...

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