For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गहरा है ये सागर बहुत साहिल ही नही है

ये दिल मेरा अब इश्क के काबिल ही नहीं है
बिखरा है जो अब टूट के वो दिल ही नहीं है

हम जीते थे जिस शान से यारों के साथ में
वो छूटे हैं पीछे सभी महफ़िल ही नहीं है

गम हैं मेरा जो जान से मारेगा  एक दिन
जो गम को डाले मार वो कातिल ही नहीं है

नादानी थी या भूल थी आशिक मैं बन गया
क्या आँखों को उसकी पढ़ें कामिल ही नहीं है

मैं डूबा था इस इश्क में पाने को कुछ सकूँ
गहरा है ये सागर बहुत साहिल ही नही है

है कैसा ये निजाम दीप लुट रहा हर सख्स
इतना मेरा कानून तो ग़ाफिल ही नहीं है !!!!!!

संदीप पटेल "दीप"

Views: 661

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 2, 2012 at 10:18am

BAHUT BAHUT AABHARI HUN AAPKA DR. SAHIBAA

SAADAR NAMAN
SAHIT SAADAR AABHAR AAPKA

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 2, 2012 at 10:17am

AADARNEEYAA RAAJESH KUMAARI JI SADAR NAMAN

AAPKA BAHUT BAHUT DHANYVAAD IS HAUSALAAFAJAAI KE LIYE

SAADAR AABHAR

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 2, 2012 at 10:16am

AADARNEEY SIR JI SAADAR NAMAN

AAPKA BAHUT BAHUT DHANYVAAD AUR SAADAR AABHAR

JI AAPKI BAAT KAABILE GAUR HAI

ISME KUCHH HARF SAHI NAHI HAI MAINE ABHI DEKHA SUKUN KI JAGAH SAKUN LIKH GAYA HAI

AAPKA YE SNEH BANAYE RAKHIYE AAPKA EK BAAR PUNH DHANYVAAD AUR AABHAR

SAADAR WANDE


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 2, 2012 at 10:11am
बहुत सुन्दर ग़ज़ल संदीप जी.. हार्दिक बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 2, 2012 at 8:50am

संदीप जी प्यारी ग़ज़ल लिखी है बाकी अलबेला जी की टिपण्णी पर गौर फरमाएं 

Comment by Albela Khatri on June 2, 2012 at 8:25am

भाई संदीप कुमार पटेल जी,
अच्छी  ग़ज़ल है.......बढ़िया  शब्दावली भी है  और रस भी....
टंकण में कहीं कहीं  त्रुटि हो गई है  सुधार लेंगे तो  और  अच्छा होगा
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
18 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
22 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service