मौज कोई सागर के किनारों से मिली
साँसे अपनी दिल के इशारों से मिली
सोंधी सी महक बारिश का इल्म देती है
गुलशन की खबर ऐसे बहारों से मिली
आंधी ने नोच डाले हैं दरख्तों से पत्ते
जुदाई की भनक आती बयारों से मिली
चाँद खुश है रोशन करेगा बज्मे- जानाँ
आस नभ में चमकते सितारों से मिली
हरेक लब उसे अकेले में गुनगुनायेंगे
ऐसी कोई नज्म संगीतकारों से मिली
पंहुच गई है परदेश में निशा की डोली
खबर भोर में आते हुए कहारों से मिली
चल हम भी जुड़ जाएँ अब इस हुजूम में
ये सनक आसमाँ में गूंजते नारों से मिली
जनतंत्र गिरा देगा भ्रष्टाचार की ईमारत
ये खबर आज ही के अखबारों से मिली
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Comment
जनतंत्र गिरा देगा भ्रष्टाचार की ईमारत
ये खबर आज ही के अखबारों से मिली
.....बधाई स्वीकार करे ....सुन्दर रचना हेतु
उमाशंकर मिश्र जी तहे दिल से शुक्रिया दाद देने के लिए
प्रिय महिमा श्री जी आपको ग़ज़ल बहुत पसंद आई मेरी लेखनी सार्थक हुई हार्दिक आभार
अलबेला खत्री जी तहे दिल से शुक्रिया आपने इतने अच्छे से मेरी पूरी ग़ज़ल का विश्लेषण किया और उसे सराहा
आंधी ने नोच डाले हैं दरख्तों से पत्ते
जुदाई की भनक आती बयारों से मिली
क्या बात है राजेश कुमारी आज तो एक से एक नहले पे दहला
गजलें पढ़ने को मिल रही है
जनतंत्र गिरा देगा भ्रष्टाचार की ईमारत
ये खबर आज ही के अखबारों से मिली .....बहुत कुछ कह रही हैं
सभी लाइने एक से बढ़ कर एक है.ढेरों बधाई
पंहुच गई है परदेश में निशा की डोली
खबर भोर में आते हुए कहारों से मिली
चल हम भी जुड़ जाएँ अब इस हुजूम में
ये सनक आसमाँ में गूंजते नारों से मिली
जनतंत्र गिरा देगा भ्रष्टाचार की ईमारत
ये खबर आज ही के अखबारों से मिली
वाह वाह!!!! आदरणीया राजेश दी ... हरेक पंक्तिया लाजवाब .. क्या कहू बहुत अच्छा लगा
बधाई स्वीकार करें
जय हो आपकी राजेश कुमारी जी........जैसे जैसे आपको बांचता जा रहा हूँ.......आपके लेखन के प्रति नमित होता जा रहा हूँ . आज की यह रचना बहुत पसन्द आई..........बधाई.........
मौज कोई सागर के किनारों से मिली
साँसे अपनी दिल के इशारों से मिली ____वाह वाह ....बस साँसें में बिन्दी लगा लें
सोंधी सी महक बारिश का इल्म देती है
गुलशन की खबर ऐसे बहारों से मिली
आंधी ने नोच डाले हैं दरख्तों से पत्ते
जुदाई की भनक आती बयारों से मिली _________क्या कहने.......
चाँद खुश है रोशन करेगा बज्मे- जानाँ
आस नभ में चमकते सितारों से मिली
हरेक लब उसे अकेले में गुनगुनायेंगे
ऐसी कोई नज्म संगीतकारों से मिली
पंहुच गई है परदेश में निशा की डोली
खबर भोर में आते हुए कहारों से मिली_________यहाँ आ कर तो बात ही पूरी हो गई
चल हम भी जुड़ जाएँ अब इस हुजूम में
ये सनक आसमाँ में गूंजते नारों से मिली ....वाह.बहुत ख़ूब.........
______बधाई बारम्बार बधाई ......
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