For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अतिथि आप बार-बार आइए (मनहरण घनाक्षरी)

अतिथि से गृहस्वामी बोला मेरे स्नेहपात्र;
आकांक्षा हमारी आप बार-बार आइए|
अतिथि ने अभिभूत कहा धन्य भाग्य मेरे;
इतनी ख़ुशी आपकी, कारण बताइए|
गृहस्वामी ने सुनाया, बड़ा अच्छा लगता है;
इतना तो निश्चित ही आप जान जाइए|
पर जो सुख मिलता है जाते देख आपको;
उस परमानंद से मुक्ति न दिलाइए||

Views: 770

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 23, 2012 at 11:38pm
आपका हार्दिक आभार अविनाश सर। अब अतिथि आएँगे तब तो उनके जाने के पल का आनंद मिलेगा अतः अतिथियोँ का आना भी जरुरी है। हा...हा...हा...
Comment by AVINASH S BAGDE on June 23, 2012 at 8:20pm

पर जो सुख मिलता है जाते देख आपको;
उस परमानंद से मुक्ति न दिलाइए||

परमानंद mila padh k....कुमार गौरव अजीतेन्दु ji

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 20, 2012 at 10:11pm

आदरणीया राजेश जी, आपके द्वारा प्रशंसा पाकर बहुत उत्साहित हूँ...धन्यवाद....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 20, 2012 at 10:10pm

बहुत सुन्दर रोचक घनाक्षरी 

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 20, 2012 at 10:06pm

आदरणीया रेखा जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद......

Comment by Rekha Joshi on June 20, 2012 at 7:04pm

गौरव जी ,अच्छी रचना पर बधाई |

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 20, 2012 at 4:47pm
आदरणीय सर, सुन्दर पंक्तियोँ से आपने बधाई दी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 20, 2012 at 2:21pm

प्रिय कुमार जी , सस्नेह 

अच्छा लगता है आप का आना 

दिल तोडता है आपका जाना 

सुन्दर कविता आप ने सुनाई 

परमानन्द मिला आपको बधाई 

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on June 20, 2012 at 6:05am
धन्यवाद भ्रमर जी, अतिथि सत्कार का सत्य यही है। हा...हा...हा...
Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 20, 2012 at 12:12am

पर जो सुख मिलता है जाते देख आपको;
उस परमानंद से मुक्ति न दिलाइए||

कुमार गौरव जी ...भेद भरी ...और सुन्दर घनाक्षरी ....बधाई हो 

भ्रमर ५ 

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
6 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
6 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
6 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service