कोख को बचाने को भाग रही औरतें
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ये कैसा अत्याचार है
'कोख' पे प्रहार है
कोख को बचाने को
भाग रही औरतें
दानवों का राज या
पूतना का ठाठ है
कंस राज आ गया क्या ?
फूटे अपने भाग है ..
रो रही औरतें
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उत्तर , मध्य , बिहार से
'जींद' हरियाणा चलीं
दर्द से कराह रोयीं
आज धरती है हिली
भ्रूण हत्या 'क़त्ल' है
'इन्साफ' मांगें औरतें ....
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जाग जाओ औरतें हे !
गाँव क़स्बा है बहुत
'क्लेश' ना सहना बहन हे
मिल हरा दो तुम दनुज
कालिका चंडी बनीं
फुंफकारती अब औरतें ...
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कृष्ण , युधिष्ठिर अरे हे !
हम सभी हैं- ना -मरे ??
मौन रह बलि ना बनो रे !
शब्दों को अपने प्राण दो
बेटियों को जन जननि हे !
संसार को संवार दो
तब खिलें ये औरतें
कोख को बचाने जो
भाग रहीं औरतें
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर' ५
१४.७.२०१२
८-८.३८ मध्याह्न
कुल्लू यच पी
Comment
प्रिय संदीप जी रचना नारी कि वेदना के साथ साथ उनके साहसिक कदम को नमन करती आप को भायी सुन ख़ुशी हुयी आभार
प्रिय आशीष जी रचना उत्कृष्ट रही और आज के हालत दर्शा सकी सुन ख़ुशी हुयी आभार
स्त्रियों को ही अब मोर्चा संभालना होगा बहुत अच्छा सन्देश
आदरणीया राजेश कुमारी जी प्रोत्साहन हेतु बहुत बहुत आभार आइये अपनी आवाज यों ही बुलंद करते रहें
सच कहा इसीलिए उन्हें कभी कभी जीवन श्राप के सम्द्रश्य लगता है
बहुत सुन्दर रचना नारी की वेदना मुखरित करती हुई
बहुत बहुत बधाई आपको इस रचना के लिए
उत्कष्ट रचना। सामयिक।
बधाई स्वीकारें
बहुत सुघड़ता से आज के समाज के दुष्कृत्य को उजागर किया है रचना में स्त्रियों को ही अब मोर्चा संभालना होगा बहुत अच्छा सन्देश देती रचना बधाई भ्रमर जी
प्रिय वाहिद काशी वासी भाई जी ...आभार आप का समर्थन हेतु ये बात आप की अक्षरशः सत्य तो है ही की जिनके ऊपर बीतने जा रही है जो सब जान रही हैं जो झेल रही हैं उन्हें ही आगे आना होगा और वो अब साहस दिखाने भी लगी हैं लेकिन नारी और पुरुष एक दूजे से मिल कर ही पूर्ण होते है इस लिए आइये उन्हें हर तरह का संबल और मनोबल देते रहें
आदरणीया रेखा जी सच कहा आप ने ये साहस भरा कदम तो उन्हें उठाना होगा अपना मुह खोलना होगा आवाज बुलंद करने के लिए हम सब के मुख और हाथ सदैव तत्पर हैं ...आभार
आदरणीय भ्रमर जी!
समाज में उपजी यह कुरीति और इसे मिटाने का उपाय सभी तो आपकी कविता में निहित हैं| इसे दूर करना स्त्रियों के सहयोग के अभाव में संभव नहीं है| सादर राधे-राधे..
आदरणीय सुरेन्द्र जी ,अति सुंदर अभिव्यक्ति ,अपनी कोख को बचने औरतों को ही आगे आना होगा ,बधाई
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