For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी

हमारे प्यारे काका राजेश खन्ना के देहावसान पर  अलबेला खत्री की शब्दांजलि

छन्न पकैया - छन्न पकैया, कहाँ चले तुम काका
छोड़ के अपना देश आपने रुख ये किया कहाँ का

छन्न पकैया - छन्न पकैया,  मुमताज़ रो पड़ेगी
दो दो हीरो एक साथ गये, दुःखड़ा किसे कहेगी

छन्न पकैया - छन्न पकैया, पहलवान के पीछे
अपना सुपर स्टार चला गया, अपनी आँखें मीचे  

छन्न पकैया - छन्न पकैया, श्रद्धांजली हमारी
परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी

छन्न पकैया - छन्न पकैया, आँखें हैं भर आई 
बहुत दुखी हूँ खो कर अपना , प्यारा खत्री भाई

-अलबेला खत्री

Views: 715

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 11:16am

धन्यवाद अरुण जी
सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 19, 2012 at 11:07am

बेहद सुन्दर शब्दांजलि अलबेला जी और भाई अम्बरीश जी

Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 10:46am

//छन्न पकैया - छन्न पकैया, कहाँ चले तुम काका
छोड़ के अपना देश आपने रुख ये किया कहाँ का//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, बुला रहे थे आका.

ऊपर उनको रोल मिला हैं, चले गए सो काका..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, रोल निभाना अच्छा

ऊपर भी फ़िल्में बनती हैं, जान गया ये बच्चा

//छन्न पकैया - छन्न पकैया,  मुमताज़ रो पड़ेगी
दो-दो हीरो एक साथ गये, दुःखड़ा किसे कहेगी //

छन्न पकैया-छन्न पकैया, कितने हीरो खोये.

उसका दर्द सहा नहिं जाये, बुक्का फाड़े रोये..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, बुक्का क्या होता है

प्रशंसकों का दुःख तो भाई जिगर फाड़ रोता है


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, पहलवान के पीछे
अपना सुपर स्टार चला गया, अपनी आँखें मीचे// 
छन्न पकैया-छन्न पकैया, सबको इक दिन जाना.

सत्कर्मों का माल समेटें, पथ जाना पहचाना..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, सच्ची बात कही है

इस दुनिया में सदा सदा को किसकी ज़ात रही है


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, श्रद्धांजली हमारी
परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी//
छन्न पकैया-छन्न पकैया, दिल में रखना रब को.

चले गए जो दोनों भाई, श्रद्धा-अंजलि उनको..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, काका के संग  दारा

मेहँदी हसन के साथ गया, ज्यों जगजीत हमारा


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, आँखें हैं भर आई 
बहुत दुखी हूँ खो कर अपना , प्यारा खत्री भाई//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, आँखों में है पानी.

खत्री तो वह बहुत बाद में, पहले हिन्दुस्तानी..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, हीरा वह इन्सानी 

दुनिया भर ने माना उसको, हीरो हिन्दुस्तानी

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, सब हैं अपने भाई.

सुंदर छन्न पकैया सारी, दिल से तुम्हें बधाई..

छन्न पकैया - छन्न पकैया, स्वागत स्वागत भाई 

तुमने कर सिंगार सलोना, शोभा और बढ़ाई

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, मीटर तो फिट प्यारे.

फिर भी अटके नदिया धारा, चेक करने को आ रे..      सादर

छन्न पकैया - छन्न पकैया, मीटर वीटर  छोड़ो

दिल की बात दिलों तक जाये, ऐसा इन्जिन जोड़ो

___________________________________सादर सादर सादर

___________धन्य हो अम्बरीश जी........

___________आभार

Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 10:44am

छन्न पकैया - छन्न पकैया,   जीवन  की  सच्चाई.. .
’इस अपने’ का जाना सुन कर आँख मग़र भर आई

 
नि:सन्देह  उनकी  अदाओं को हम तब देखते थे जब  पायजामे का नाड़ा भी बांधना नहीं आता था
 

___सादर प्रणाम आदरणीय सौरभ जी
____दिवंगत आत्मा को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि  


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 19, 2012 at 10:26am

छन्न पकैया - छन्न पकैया,   जीवन  की  सच्चाई.. .
’इस अपने’ का जाना सुन कर आँख मग़र भर आई

 

बहुत कुछ घूम गया है आँखों के सामने.. .  बहुत कुछ..  ! .. हम तब निरे बच्चे हुआ करते थे. मगर ’उसकी’ धमक का मतलब समझने लगे थे.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 19, 2012 at 9:58am

//छन्न पकैया - छन्न पकैया, कहाँ चले तुम काका
छोड़ के अपना देश आपने रुख ये किया कहाँ का//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, बुला रहे थे आका.

ऊपर उनको रोल मिला हैं, चले गए सो काका..

//छन्न पकैया - छन्न पकैया,  मुमताज़ रो पड़ेगी
दो-दो हीरो एक साथ गये, दुःखड़ा किसे कहेगी //

छन्न पकैया-छन्न पकैया, कितने हीरो खोये.

उसका दर्द सहा नहिं जाये, बुक्का फाड़े रोये..


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, पहलवान के पीछे
अपना सुपर स्टार चला गया, अपनी आँखें मीचे// 
छन्न पकैया-छन्न पकैया, सबको इक दिन जाना.

सत्कर्मों का माल समेटें, पथ जाना पहचाना..


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, श्रद्धांजली हमारी
परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी//
छन्न पकैया-छन्न पकैया, दिल में रखना रब को.

चले गए जो दोनों भाई, श्रद्धा-अंजलि उनको..


//छन्न पकैया - छन्न पकैया, आँखें हैं भर आई 
बहुत दुखी हूँ खो कर अपना , प्यारा खत्री भाई//

छन्न पकैया-छन्न पकैया, आँखों में है पानी.

खत्री तो वह बहुत बाद में, पहले हिन्दुस्तानी..

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, सब हैं अपने भाई.

सुंदर छन्न पकैया सारी, दिल से तुम्हें बधाई..

 

छन्न पकैया-छन्न पकैया, मीटर तो फिट प्यारे.

फिर भी अटके नदिया धारा, चेक करने को आ रे..      सादर

Comment by Albela Khatri on July 19, 2012 at 9:47am

आप ठीक कह रही हैं  राजेश कुमारी जी......
धन्यवाद
सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 19, 2012 at 8:14am

बहुत सुन्दर भाव भीनी श्रधान्जली दी  है अलबेला जी हमारी भी विनम्र श्रधान्जली राजेश खन्ना जी को ,अंतिम पंक्ति में हूँ की जगह है करलें तो अर्थ सही रहेगा पंक्ति का 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service