For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

********************

तुम हकीकत हो
या ख़्वाब?
बतादो ना.
अरज है मेरी
ज़नाब
बतादो ना.
तुम्हारे ही ख़्वाबों में
मैं जीता हूँ,तुम्हारी आँखों से ही
मैं पीता हूँ.
तुम अमृत हो
या शराब ?
बतादो ना.
अपनी जिंदगी का अक्स
तुम्हीं में देखता हूँ,
अपनी जिंदगी के मायने
तुम्हीं में पढता हूँ.
तुम आईना हो
या किताब?
बतादो ना.
जिंदगी के समंदर का
ज्वार भी तुम हो,
मेरी कश्ती और
पतवार भी तुम हो.
तुम सवाल हो
या कि ज़वाब?
बतादो ना.
अपने दिन रौशन है
तुम्हीं से यारा,
अपनी रातों में है
तुम्हीं से उजियारा.
तुम आफ़ताब हो
या माहताब?
बतादो ना.
तुम्हारे दीदार से ही
जीवन में रंग है,
खुशबु तुम्हारी
हर पल मेरे संग है.
तुम गुलमोहर हो
या गुलाब?
बतादो ना.
तुम हकीकत हो
या ख़्वाब?
बतादो ना.
अरज है मेरी
ज़नाब
बतादो ना.

********************

-- अशोक पुनमिया 

Views: 560

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PHOOL SINGH on August 28, 2012 at 3:37pm

अशोक जी नमस्कार

बहुत ही सुंदर भावपूर्ण .........रचना के लिए बधाई

फूल सिंह

Comment by अशोक पुनमिया on August 22, 2012 at 1:47pm

राजेश कुमार जी झा साहब,

रचना पर टिप्पणी के लिए आभार.
Comment by अशोक पुनमिया on August 22, 2012 at 1:45pm

योगराज जी साहब,

आपका मार्गदर्शन मुझे अपने लेखन में निरंतर सुधार के लिए प्रेरित करता है.
हार्दिक आभार आपका.
Comment by अशोक पुनमिया on August 22, 2012 at 1:42pm

संदीप जी,

शुक्रिया आपकी टिप्पणी के लिए.
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 22, 2012 at 12:22pm

वाह वाह क्या बात है जनाब बहुत खूबसूरत भाव संजोय हैं आपने
इस सुन्दर रचना हेतु बधाई आपको
प्रवाह के साथ साथ अनुपम  कोमल शब्दावली है


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on August 22, 2012 at 12:08pm

बहुत ही सुन्दर और कोमल भावनायों से साथ बेहद बढ़िया शब्द संजोयन. सवाल दर सवाल उठाती इस प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें अशोक भाई,

Comment by राजेश 'मृदु' on August 21, 2012 at 6:07pm

कोमल भावनाओं में मनुहार मिलाते हुए एक खूबसूरत रचना बहुत सुंदर लगी

Comment by अशोक पुनमिया on August 21, 2012 at 2:50pm

रेखा जी,

शुक्रिया आपकी टिप्पणी के लिए.
Comment by Rekha Joshi on August 21, 2012 at 11:41am

तुम हकीकत हो
या ख़्वाब?
बतादो ना.
अरज है मेरी 
ज़नाब
बतादो ना.,अशोक जी अति सुंदर भाव ,तुम हकीकत हो या ख़्वाब ,बस हर तरफ तुम ही तुम हो ,बहुत खूब ,बधाई 

Comment by अशोक पुनमिया on August 20, 2012 at 8:36pm

आदरणीया  राजेश कुमारी जी,

आपकी होसला अफजाई प्रेरणा देती है कुछ लिखने की.
आपका आभार.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service