For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माननीय शिक्षकों को शालिनी का प्रणाम

Successfu...

अर्पण करते स्व-जीवन शिक्षा की अलख जगाने में ,

रत रहते प्रतिपल-प्रतिदिन  शिक्षा की राह बनाने में .

Teacher : teacher with a group of high school students in classroom

आओ मिलकर करें स्मरण नमन करें इनको मिलकर ,

जिनका जीवन हुआ सहायक हमको सफल बनाने में .

Teacher : Children standing in row in front of teacher who gives or receives test paper

जीवन-पथ पर आगे बढ़ना इनसे ही हमने सीखा ,

ये ही निभाएं मुख्य भूमिका हमको राह दिखाने में  .

Teacher : Santa and students!

खड़ी बुराई जब मुहं खोले हमको खाने को तत्पर ,

रक्षक बनकर आगे बढ़कर ये ही लगे बचाने में .

मात-पिता ये नहीं हैं होते मात-पिता से भी बढ़कर ,

गलत सही का भेद बताकर लगे हमें समझाने में .

पुष्प समान खिले जब शिष्य प्रफुल्लित मन हो इनका ,

करें अनुभव गर्व यहाँ ये उसको श्रेय दिलाने में .

Sarvepalli Radhakrishnan

शीश झुकाती आज ''शालिनी ''अहर्नीय के चरणों में ,

हुए सहाय्य ये ही सबके आगे कदम बढ़ाने में .

               शालिनी कौशिक 

                   [कौशल ]

Views: 428

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 3, 2012 at 10:54pm

अच्छी रचना शालिनी जी, शिक्षक दिवस की शुभकामनाओं सहित इस रचना हेतु बधाई स्वीकार्य हो |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 3, 2012 at 10:45pm

गलत सही का भेद बताकर लगे हमें समझाने में .

वाह वाह !  अज्ञान तिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जन शलाकया.. . चक्षुरुन्मीलितं येन .. .

आपके प्रयास पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ, शालिनीजी.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 3, 2012 at 7:00pm

सुन्दर भावो की द्वारा महान शिक्षक को श्रद्धांजलि, हार्दिक बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 3, 2012 at 4:29pm

शिक्षकों को भावांजलि देती इस रचना हेतु आभार शालिनी जी 

Comment by PHOOL SINGH on September 3, 2012 at 2:32pm

शालिनी जी नमस्कार

अध्यापको को समर्पित रचना के लिए आपको बधाई ..बहुत ही सुंदर

फूल सिंह

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
20 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service