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आदरणीय अरुण जी
सादर, एक कवि के मन के दर्द को को क्या खूब उभारा है. आपने वाह! बधाई
आदरणीय अग्रज श्री सौरभ जी हार्दिक आभार उत्साह वर्धन के लिए !!!
आदरणीया प्राची जी रचना पढ़ी आपने और अपने विचार रखे हार्दिक आभार आपका !!!
विचारों के अनुमोदन के लिए हार्दिक धन्यवाद श्री लक्ष्मण जी !!
इस आलादर्ज़े की अतुकांत रचना पर पुनः मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ, भाईजी.
परम आदरणीय श्री गणेश जी आपका स्नेह पा अभिभूत हुआ हार्दिक आभार आपका | मेरी मेकिंग में ओ बी ओ की भूमिका अहम् और सकारात्मक है | साधुवाद !!
आदरणीया राजेश जी रचना पसंद करने के लिए हार्दिक साधुवाद !!
आदरणीया सारिका जी आभार रचना के अनुमोदन के लिए !!
आदरणीय अग्रज श्री सौरभ जी ! इधर व्यस्तता के कारण समय कम देना हो पा रहा है इसका मलाल हरदम रहता है | आपने रचना पढ़ी और विचार आपको पसंद आये , आपकी टिप्पणी मेरे लिए आशीर्वाद सामान है | तुक अगर मुकम्मल और दुरुस्त न हो सके तो अतुकांत होना पड़ता है और विषय के कारण भी ऐसा होता है अक्सर | इसमें सहूलियत तो होती है :-)) स्नेह मिलता रहे यही कामना है !!
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