मुद्दत हुई कि रात गुज़ारी है घर नहीं
बच्चे सयाने हो गए मुझको खबर नहीं
वो प्यार क्या कि रूठना हँसना नहीं जहां
ऐसा भी क्या विसाल कि ज़ेरोज़बर नहीं
दरिया में डूबने गए दरिया सिमट गया
तेरे सताए फर्द की कोई गुज़र नहीं
उनके लिए दुआ करो उनका फरोग हो
जिनपे तुम्हारी बात का होता असर नहीं
रहता हूँ मैं ज़मीन पे ऊँची है पर निगाह
रस्ते के खारोसंग पे मेरी नज़र नहीं
सबको खुदाका है दिया कोई न कोई जौक
ऐसा है कौन आदमी जिसमें हुनर नहीं
होते नहीं हमाशना लैला ओ कैस से
तुर्केफलक ओ माह की शामोसहर नहीं
मूसीकी-ए-सैलाब से पूछे कोई वज़न
तस्वीरेतलातुम की भी कोई बहर नहीं
बेदस्तोपा भी हों मगर बेहौसला नहीं
वो आदमीभी क्या हुआ जिसमें जिगर नहीं
सजदे को कई और भी बुत थे हमारे पास
दर तो बहुत मुहाल है पे तेरा दर नहीं
मजनूँ नहीं लैला नहीं फ़ुर्कत नहीं न वस्ल
सह्राओबियाबां नहीं, कूचा ओ घर नहीं
सोते बहुत सुकून से ऐ राज़ नीमशब
होता जो उसके जानेका खटका अगर नहीं
© राज़ नवादवी, रात्रिकाल ११.५९
शनिवार, २९/०९/२०१२, अहमदाबाद
विसाल- प्रियतम से मिलन; ज़ेरोज़बर- ऊपर नीचे; फर्द- व्यक्ति; फरोग- कल्याण; खारोसंग- कांटे और पत्थर; जौक- रूचि, शौक; हमाशना- एक दूसरे के प्यार में पूर्ण; कैस- मजनूँ; तुर्केफलक- सूर्य का इक नाम; माह- चंद्रा; शामोसहर- संध्या और प्रातःकाल; मूसीकी-ए-सैलाब- बाश या तूफ़ान का संगीत; तस्वीरेतलातुम- लहरों के उठने गिरने का दृश्य; बेदस्तोपा- बिना हाथ पाँव का, मजबूर इंसान; वस्ल- प्रियतम से मिलन; सह्राओबियाबां- रेगिस्तान और कानन; कूचा- गली; नीमशब- आधी रात;
Comment
हार्दिक शुक्रिया भाई जी
आपका तहेदिल से शुक्रिया लक्षमण भाई सा! ईश्वर आपकी लेखनी को और भी ओज दे यही मेरी प्रार्थना है. वैसे आप जो भी लिखते हैं, ह्रदय से लिखते है, यही आपकी विशेषता है. सादर!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online