कुछ भी हो सकता है
जंगल राज है कुछ न कहो
ख़ामोशी अपनाओ
बापू के तीन बंदरों जैसे
ज्ञानी बन जाओ
अच्छा देखो न बुरा ही देखो
न ही सुनो न कहो
सुखी जो रहना चाहते हो
मूक दर्शक बन जाओ
वर्ना कुछ भी हो सकता है
सब कुछ लुट सकता है
मौत से डर नहीं लगता तो
हरगिज़ न घबराओ
फैसला आपके हाथ में है
कैसे जीना चाहते हो
इज्जत अगर है प्यारी
मेरे साथ आओ
मेरे साथ आ....
दीपक कुल्लुवी
९/१०/१८
9350078399
Comment
DHANYABAD RAKHA JI PANDEY JI.AAPKA HAUNSLA HI MUJHE PRERIT KARTA HAI KUCHH ACHHA LIKHNE KA
इस संप्रेषण का फ्लैश एकदम से साथ बहा ले जाता है, इस प्रयास के लिये बधाई दीपक भाईजी.
SHUKRIYA MADAM REKHA JI
दीपक जी ,सुंदर अभिव्यक्ति ,बधाई
shukriya ashfaq sahib
bahoot khoob
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