For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समस्त ओ बी ओ परिवार की ओर से स्वात घाटी की निर्भीक बेटी मलाला के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु मंगलकामनाएं ....


 

 

 

 

 

 

 

 

स्वात घाटी की निर्भीक बेटी मलाला को समर्पित 

सुन्दरी सवैया

अधिकार मिले सब शिक्षित हों बिखरे चहुँ ओर हि ज्ञान उजाला.

लड़ती जब जायज़ घायल क्यों सुकुमारि दुलारि पियारि 'मलाला'.

सब कष्ट हरौ अरु स्वस्थ करौ करि आज कृपा पुनि दीनदयाला.

अति क्रूर व निर्दय ये अधमी तलिबानहि दें यहि लोक निकाला..

इं० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

                                                  

Views: 786

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 1:26pm

धन्यवाद श्री राजेश जी !

Comment by राजेश 'मृदु' on October 15, 2012 at 1:19pm

इतनी सुंदर रचना द्वारा प्रभु से निवेदन जरूर रंग लाएगी, सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 1:09pm

धन्यवाद विनीता जी !

Comment by Vinita Shukla on October 15, 2012 at 1:00pm

साधुवाद इन सुन्दर पंक्तियों के लिए.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 11:54am

धन्यवाद प्रिय पीयूष जी, आपके यह वचन अवश्य ही सत्य होंगे ! 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 11:53am

सुप्रभात भाई संदीप जी, आप द्वारा की गयी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 15, 2012 at 11:52am

बालिका के प्रति शुभकामना व् छंद की सराहना के लिए बहुत  बहुत धन्यवाद आदरेया सीमाजी !

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on October 15, 2012 at 11:24am

आदरणीय अम्बरीष जी, बेशक, वीर कन्या मलाला अति शीघ्र स्वस्थ होकर अपने परिजनों के साथ होगी !

इस लाजवाब सवैया हेतु आपको बधाई !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on October 15, 2012 at 9:42am

आदरणीय अम्बरीश सर जी सादर प्रणाम
आपने समस्त ओ बी ओ की ओर से ऐसी दुआ की पढ़ कर मन भाव विभोर हो गया
हम यही मंगलकामना करते हैं की "वीरांगना मलाला" शीघ्र अति शीघ्र स्वस्थ और शकुशल अपने परिजनों के साथ हो

Comment by seema agrawal on October 14, 2012 at 10:19pm

बहुत सुन्दर छंद अर्पित किया है आपने उस वीरबाला को आपके ही शब्द पुनः दोहराऊंगी मलाला के लिए 

सब कष्ट हरौ अरु स्वस्थ करौ करि आज कृपा पुनि दीनदयाला.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service