For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'जनसंदेश टाइम्स' में ओबीओ पर वीरांगना मलाला यूसुफजई के प्रति की गयी स्वास्थ्य लाभ की कामनाओं से सम्बंधित खबर...

Views: 717

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on October 17, 2012 at 9:12am
समाचार पत्र में प्रकाशन से और भी कई हाथ मलाला के लिए दुआ में उठे होंगे तभी उसके स्वास्थ में सुधार के समाचार आने लगे हैं. आभार आ. अम्बरीश जी. 
Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 16, 2012 at 12:50pm

स्वागत है अविनाश जी ! हार्दिक धन्यवाद मित्रवर ! निर्भीक मलाला के लिए आपने बहुत शानदार पंक्तियाँ रची हैं ! आपके जज्बे को सलाम !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 16, 2012 at 12:48pm

हार्दिक धन्यवाद आदरेया राजेश कुमारी जी !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 16, 2012 at 12:47pm

धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी |

Comment by AVINASH S BAGDE on October 16, 2012 at 12:15pm

aabhar JAN-SANDESH.....Er. Ambarish Shirwastav...

Comment by AVINASH S BAGDE on October 16, 2012 at 12:14pm
जज्बे को सलाम ....
********************

उस अँधेरे आँगन में भी उजाला है 

बियाबां सूखे चमन में गज़ाला  है।
इल्म के सूरज को कोई क्या रोकेगा,
जिसकी एक किरण ही"मलाला" है। ..
        
*********************************
*********************
मक्का-मदीना से लेकर चारो धाम करते हैं 
हर दुआ सलामती की तुम्हारे नाम करतें हैं।
इस कच्ची उम्र में भी इतनी पक्की सोच !!!!!
" मलाला  "तुम्हारे जज़्बे को सलाम करते है।।।।।।।।।।।
***************************************************
ये पाठशाला ...
लड़कियाँ बेखौफ ..
लड़े  " मलाला "....
--------------------
अविनाश बागडे .....(देश दुनिया की हर तालिबानी और खाप पंचायती सोच का धिक्कार)

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 16, 2012 at 10:58am

जन सन्देश के इस रेस्पोंस के लिए ओ बी ओ के साथ  आदरणीय अम्बरीश जी रविकर जी बधाई के पात्र हैं ये खबर साझा करने के लिए आपका बहुत बहुत हार्दिक आभार |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 16, 2012 at 10:31am
बहुत खूब.. बधाई-बधाई !
Comment by Er. Ambarish Srivastava on October 16, 2012 at 12:06am

धन्यवाद आदरणीय सतीश जी !

Comment by satish mapatpuri on October 16, 2012 at 12:02am

सदस्यों के बीच इस अहम सूचना को साझा करने के लिए ह्रदय से आभार आदरणीय श्रीवास्तव साहेब

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय चेतन जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service