For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुक्तिका: तनहा-तनहा संजीव 'सलिल'

मुक्तिका:
तनहा-तनहा
संजीव 'सलिल'
*
हम अभिमानी तनहा-तनहा।
वे बेमानी तनहा-तनहा।।

कम शिक्षित पर समझदार है
अकल सयानी तनहा-तनहा।।

दाना होकर भी करती मति 
नित नादानी तनहा-तनहा।।

जीते जी ही करी मौत की
हँस अगवानी तनहा-तनहा।।

ईमां पर बेईमानी की-
नव निगरानी तनहा-तनहा।।

खीर-प्रथा बघराकर नववधु  
चुप मुस्कानी तनहा-तनहा।।

उषा लुभानी सांझ सुहानी,
निशा न भानी तनहा-तनहा।।

सुरा-सुन्दरी का याचक जग 
भांग-भवानी तनहा-तनहा।।

'सलिल' संजोये प्यास-आस पर 
श्वास भुलानी तनहा-तनहा।।

***

Views: 483

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 16, 2012 at 8:25pm

आदरणीय आचार्य जी, बहुत ही उम्दा भाव, बहुत ही खुबसूरत मुक्तिका, बधाई हो |

Comment by sanjiv verma 'salil' on December 4, 2012 at 8:26pm

arun ji

bahut - bahut abhar.

Comment by Abhinav Arun on December 4, 2012 at 7:43pm

आदरणीय श्री ! जीवन दर्शन का निचोड़ है इस मुक्तिका में हर बंद रहस्यों के कई किवाड़ खोलता , सीख देता !! हार्दिक साधुवाद आचार्य श्री !!

Comment by sanjiv verma 'salil' on November 16, 2012 at 3:56pm

अशोक जी, लक्ष्मण प्रसाद जी, वीनस जी, सौरभ जी, पीयूष जी
आपकी गुणग्राहकता को नमन.

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on November 16, 2012 at 7:47am

बहुत सुन्दर आदरणीय.......बधाई स्वीकारें !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 16, 2012 at 6:56am

हिन्दी की मात्राओं का बखूबी इस्तमाल ! वाह !  अंतर्निहित भावों और कहन के लिये विशेष बधाई, आदरणीय.

Comment by वीनस केसरी on November 16, 2012 at 1:13am

वाह आदरणीय रचना में भाषा का ऐसा सुन्दर प्रयोग देखने को मिला कि पढ़ कर मन प्रसन्न हो गया

विशेष रचना के लिए विशेष बधाई स्वीकारें

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 15, 2012 at 9:36am

ईमां पर बेईमानी की- 
नव निगरानी तनहा-तनहा।

सादर प्रणाम, सुन्दर मुक्तक के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय सलिल जी

Comment by Ashok Kumar Raktale on November 15, 2012 at 8:31am

परम आदरणीय सलिल जी 

                  सादर प्रणाम, सुन्दर मुक्तक के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service