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सीप में मोती.

पिय प्रेम हृदय.

जागृत ज्योति.

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दुख के शूल.

गुलदस्ता जीवन.

प्रेम के  फूल.

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प्रेम शरण.

तिमिर में किरण.

गुरु चरण.

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अभिन्न मित्र.

सुरम्य लय ताल.

बंध पवित्र.

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है ज़रुरत.

अनकहा वायदा.

इंसानियत.

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खामोशी सुन.

बेसब्र मोहब्बत.

ख़्वाब तो बन.

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 16, 2012 at 7:03pm

हार्दिक आभार आ. अशोक कुमार रक्ताले जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 16, 2012 at 7:02pm

हार्दिक आभार आ. प्रदीप कुशवाहा जी 

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 16, 2012 at 12:36am

अभिन्न मित्र.

सुरम्य लय ताल.

बंध पवित्र.

आदरेया डॉ. प्राची जी सादर, सभी हाइकू बहुत उम्दा है. बधाई स्वीकारें.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on December 14, 2012 at 3:55pm

खामोशी सुन.

बेसब्र मोहब्बत.

ख़्वाब तो बन.

सुन्दर हाइकू 

बधाई. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 6, 2012 at 9:59am

यह हाइकू आपको रुचे यह जानना संतोषदायक  है. आदरणीय सौरभ जी आपका आभार. सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 6, 2012 at 12:27am

क्या ही गठे हुए हाइकू हैं !  वाह-वाह !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 5, 2012 at 6:11pm

हाइकू आपको पसंद आये, यह मेरे लिए संतोष की बात है आदरणीय नादिर खान जी, आपका आभार.

Comment by नादिर ख़ान on December 5, 2012 at 4:52pm

है ज़रुरत.

अनकहा वायदा.

इंसानियत.

खामोशी सुन.

बेसब्र मोहब्बत.

ख़्वाब तो बन.

बहुत सुंदर हाईकु लाजवाब..........


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 3, 2012 at 8:16pm

हार्दिक आभार आदरणीय चंद्रेश कुमार जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 3, 2012 at 8:16pm

हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी 

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"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
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