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SHRI आशीष नैथानी 'सलिल'JI bahut bahut abhari hoon apka aapne ghazal ko saraha aur mera utsahvardhan kiya .
{mere net pe hindi font in dino kaam kar nahi raha so roman me likhna pad raha hai - khed hai }
बेहतरीन ग़ज़ल ! हार्दिक बधाई अरुण जी !!!
हार्दिक रूप से शुक्रिया shri ram shiromani pathak ji , respected Anwesha Anjushree ji , shri PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA ji mere utsaah vardhan ke liye >
good 1 boss
Bhavpurn....apne jad se juda hokar bhi jude hum....sunder
हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर जी
आदरणीय Shri धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी,
हार्दिक रूप से शुक्रिया !!
kya kahne shri rajiv ji bahut sundar kaha aapne waah !! aur shukriya ghazal pasand karne ke liye !!
abhinav bhai jee namaskar ,
bahut sundar bhav man mohak chitran
DHIBRI jaise shabd ko jo pray lupt ho rahe hain
aapne apni rachna ke madhyam se ek baar phir us dhibri se ujala phailaya hai
anmol rachna !
barbas ek pankti likhta hun
kahan aagaye in pathron ke jhurmut jangal main
jindgi to nadi kinare khet ki pagdandi par rahti hai !
अच्छी ग़ज़ल है अरुण जी, बधाई स्वीकारें
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