For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कैसा है गणतंत्र  
 
घर घर जाकर देख ले, महिला है परतंत्र, 
गणतंत्र हम किसे कहे, हम पर हावी तंत्र 
 
दफ्तर जाकर देख ले, कैसा है गणतंत्र,
अफसर करे न चाकरी, हावी होता तंत्र 
 
खेल जगत में देख ले, कैसा हावी तंत्र,
पढ़ता सट्टेबाज ही, टीम विजय का मन्त्र 
 
इस अदभुत गणतंत्र में, संसद तक षडयंत्र,
संसद तो चलती नहीं, बाहर पढ़ते मन्त्र ।
 
अच्छी शिक्षा के लिए, भटक रहे है छात्र,
निर्धन को प्रवेश नहीं, हो कितना ही पात्र ।
 
इन्द्रप्रस्थ में इन दिनों, धृतराष्ट्र का राज,
दुर्योधन की आँख में, रही न कोई लाज ।
 
मत के सदुपयोग से, आ जावे जनतंत्र,
हम सभी संकल्प करे, हो सच्चा गणतंत्र।
 
गणतंत्र के अवसर पर,भारत तुझे सलाम,
आदर्श बनकर जगमें, बन शांति की लगाम |
 

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला 

Views: 391

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 31, 2013 at 11:16am

रचना को सराहने आखिर के दोहों में सुधार के राय देने हेतु हार्दिक आभार आद राजेश कुमारी जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 30, 2013 at 7:11pm
मत का सदुपयोग करे, तब आवे जनतंत्र,-----सदुपयोग में सद +उपयोग =7 मात्रा होंगी , जो आपने 6 गिनी हैं अतः 14 मात्राएँ हो रही हैं 
हम सभी संकल्प करे, तब सच्चा गणतंत्र-----
गणतंत्र के अवसर पर,भारत माँ को नमन,----ऊपर से सभी दोहों के सम  चरणों का अंत आप सही अर्थात गुरु लघु से करते आयें हैं                   इस दोहे में क्या हुआ ?----नमन में न +मन =लघु गुरु हो गया 
आदर्श बनकर जग में,बन शांति का अगुवन। ----अगुवन में दीर्घ दीर्घ हो गया 
बहुत अच्छे सामयिक दोहे हैं जरा से और प्रयास से निखर सकते हैं ,बहुत बहुत बधाई आदरणीय लक्ष्मण जी 
 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 30, 2013 at 1:09pm

दोहे की संरचना पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद श्री अरुण शर्मा अनंत जी, आपकी सराहना से मेरा इन दोहों की संरचना का उद्धेश्य सार्थक हुआ, आपका हार्दिक आभार 

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 30, 2013 at 11:49am

आदरणीय सर प्रणाम, आपकी अच्छी सोंच का सृजन हैं ये दोहे, वर्तमान में व्याप्त बुराइयों को हम किस तरह से सुधार करने की सीख देते दोहों हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on January 28, 2013 at 2:27pm

दोहे पसंद कर होंसला अफजाई हेतु आपका हार्दिक आभार श्री अतुल चन्द्र अवस्थी जी

Comment by Atul Chandra Awsathi *अतुल* on January 27, 2013 at 12:17pm
इस अदभुत गणतंत्र में, संसद तक षडयंत्र,
संसद तो चलती नहीं, बाहर पढ़ते मन्त्र ।
 
अच्छी शिक्षा के लिए, भटक रहे है छात्र,
निर्धन को प्रवेश नहीं, हो कितना ही पात्र ।
 
इन्द्रप्रस्थ में इन दिनों, धृतराष्ट्र का राज,
दुर्योधन की आँख में, रही न कोई लाज ।
 आदरणीय लक्ष्मन प्रसाद जी शब्द-शब्द मन को छू गए। वर्तमान व्यवस्था और विसंगति का एक कड़वा सच आपने बयां किया है बहुत बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। उत्तम छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service