मनमीत तेरी प्रीत की पदचाप मंगल-गीत है
निर्भीत मन, अभिनीत तन, जीवात्मा सुप्रणीत है...
हृदयाश्रुओं का अर्घ्य दे
हर भाव को सामर्थ्य दे
विह्वल हृदय में गूँजती
मृदुनाद सी सुरधीत है....
मनमीत तेरी प्रीत की पदचाप मंगल-गीत है
निर्भीत मन, अभिनीत तन, जीवात्मा सुप्रणीत है...
सूर्यास्त नें चूमा उदय
दे हस्त में, तुझको हृदय
चिर प्रज्ज्वला तेरी प्रभा
लौ दिव्य दिवसातीत है...
मनमीत तेरी प्रीत की पदचाप मंगल-गीत है
निर्भीत मन, अभिनीत तन, जीवात्मा सुप्रणीत है...
कुंदन करे ऐसी अगन
यज्ञाग्नि में आहूत मन
अस्पृष्ट सी शुचिकर छुअन
सुगृहीत देहातीत है...
मनमीत तेरी प्रीत की पदचाप मंगल-गीत है
निर्भीत मन, अभिनीत तन, जीवात्मा सुप्रणीत है...
दुर्नीति से दुर्भीत था
व्यक्तित्व जो परिवीत था
सब सींखचों को तोड़कर
वह आज व्योमातीत है...
मनमीत तेरी प्रीत की पदचाप मंगल-गीत है
निर्भीत मन, अभिनीत तन, जीवात्मा सुप्रणीत है...
निर्भीत=निर्भय , अभिनीत=पूर्णता से सजाया हुआ , सुप्रणीत=सुन्दरता से रचित , सुगृहीत=जिसे ठीक प्रकार से ग्रहण किया गया हो , दुर्नीति=बुरा नीति विरुद्ध आचरण , दुर्भीत=बुरी तरह डरा हुआ , परिवीत=छिपाया हुआ , व्योमातीत=जिसके लिए आकाश भी छोटा हो.
Comment
शब्दों से भाव या भाव से शब्द के ऊहापोह को जीती हुई पंक्तियाँ बहुत कुछ कहती जाती हैं. मन के मंगल-मंगल होने के भाव संयोग की अपेक्षा हैं. यह चेतनता भौतिक सीमाओं के परे होती हैं.
सूर्यास्त नें चूमा उदय
दे हस्त में, तुझको हृदय
चिर प्रज्ज्वला तेरी प्रभा
लौ दिव्य दिवसातीत है...
उपरोक्त पंक्तियों के लिए साधुवाद, डॉ.प्राची. ...
एक बात : शब्द सामर्थ्य है या समर्थ.
गीत निहित भावोह को अनुमोदित करने के लिए आभार तुषार रस्तोगी जी.
रचना के अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार प्रिय परवीन मलिक जी
रचना की सराहना कर रचनाकर्म को मान देने के लिए आभार प्रिय संदीप जी.
आदरणीय गणेश जी,
आपकी टिप्पणी एक आशीर्वाद सदृश है, आपको रचना का प्रवाह, शब्द संयोजन रुचा यह जान बहुत संतोष मिला है.
इस नवगीत को उदाहरण सदृश कह कर आपने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया है.
आपकी ह्रदय से आभारी हूँ.
सादर.
प्रिय वेदिका जी, रचना के अनुमोदन के लिए आपका हार्दिक आभार.
सस्नेह
आदरणीय विजय निकोर जी,
यह रचना आपको पसंद आयी, व इसका शब्द चयन आपको विशिष्ट लगा , यह जान लेखन कर्म को मान मिला है.
उत्साहवर्धन करने के लिए आपका आभार . सादर
आदरणीय राजेश कुमारी जी, आपको यह रचना रुचिकर लगी, यह जान लेखन को बहुत प्रोत्साहन मिला है, रचना के भाव व शब्दों को अनुमोदित करने के लिए मैं आपकी ह्रदय से आभारी हूँ. सादर
भावपूर्ण अभिव्यक्ति | आभार |
प्राची जी सुन्दर एवं लयात्मक रचना के लिए बधाई ...
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